-कामकाजी महिला आवास में मनाया गया महिला दिवस
-विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को किया गया सम्मानित

गुरुग्राम। यहां कामकाजी महिला आवास में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह समारोह जिला उपायुक्त निशांत कुमार के मार्गदर्शन में हुआ। सचिव विकास कुमार व सह-सचिव सुभाष शर्मा ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी। 

 रेडक्रॉस सोसायटी एवं एक उड़ान संस्था के संयुक्त तत्वावधान में यह समारोह आयोजित किया गया। इसमें गुरुग्राम के डिप्टी मेयर सुनीता यादव, समाजसेविका ललिता तायल अतिथि के रूप में पहुंची। उन्होंने स्वास्थ्य, वकालत, मीडिया, व्यक्तिगत समाजसेवा, रेडक्रॉस आदि से जुड़ीं महिलाओंं को सम्मानित किया। स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग ऑफिसर जपिन्द्र कौर, नर्सिंग ऑफिसर पूनम सहराय के अलावा डॉ. जयिता, शिखा गर्ग को सम्मानित किया गया।

टीम गुरूजल से अंजलि, एक उड़ान की महिला टीम से कृष्णा यादव, संगीता गुप्ता, शम्मी अहलावत, कुसुमलता, नीतू भट्ट, रेडक्रॉस से आकांक्षा, श्यामा राजपूत, सुनैना, रजनी कटारिया, सरोज, सुषमा, वनीता पीटर, संजू, कमला, मीडिया से साक्षी, प्रियंका, वकील अर्चना चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता रेखा अग्रवाल, ललिता बंसल, वीना वांचू, शिल्पा जैन, समीरा सतीजा, शालू जोहर, अन्नू यादव, गगनदीप, मीनू भारद्वाज, हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर की महिला टीम से मीनाक्षा यादव, गीता बत्रा, टीम नवकल्प को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। 

 इसके बाद डिप्टी मेयर सुनीता यादव ने महिलाओं को अपने जीवन में कोई भी सफलता मिलने पर घर, परिवार को पीछे नहीं छोडऩा चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी सफलताओं में, हमें आगे बढ़ाने में पुरुषों का भी साथ होता है। नर-नारी एक दूसरे के पूरक हैं। 

हर महिला पर दो घरों की इज्जत का भार: कल्याणी

एक उड़ान संस्था की संस्थापक कल्याणी सचान ने कहा कि परिवार को परिवार बनाकर रखने में हम सब महिलाओं का अधिक हाथ होता है। हमें जीवन में अपनी अच्छाइयों को फैलाना चाहिए। ऐसी पर्सनलिटी बनाएं कि लोग आपका अनुसरण करें। आपसे कुछ सीखें। आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं कम नहीं हैं। जमीन से आसमान तक हम महिलाएं मजबूत हैं। यह मजबूती हमारी नहीं बल्कि हमारे पूरे परिवार की है।

 हर मां अपनी बेटी को औरत होने का महत्व समझाए: कविता

कामकाजी महिला आवास की वार्डन कविता सरकार ने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। साथ ही अपनी बेटियों को भी सही रास्ते चुनने को प्रेरित करें। एक महिला, एक बेटी दो घरों को संवारती है। हर मां को चाहिए कि वह अपनी बेटी को ऐसे संस्कार दे, जो कि उसे औरत होने का महत्व समझाए।

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