अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरूजल सोसायटी द्वारा वेबिनार आयोजित.
ताजनगर, दौला, बिलासपुर, दौलताबाद, हरियाहेड़ा, पालासोली, बुढे़ड़ा की भागीदारी.
महिलाएं घर की नींव हैं और सभी अपने-अपने मन में जल संरक्षण का संकल्प लें.
जल के महत्व को समझाया और साथ ही जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज गुरूजल सोसायटी द्वारा ‘ नीर और नारी, नारी है जल प्रहरी’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में लगभग 370 ग्रामीण महिलाओं व छात्राओं ने भाग लिया। इस वेबिनार से जिला के गांव ताजनगर, दौला, बिलासपुर, दौलताबाद, हरियाहेड़ा, पालासोली और बुढे़ड़ा से महिलाआंे ने भाग लिया।

इस वेबिनार का संचालन गुरूजल सोसायटी की प्रोग्राम मैनेजर मधुमिता बैनर्जी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि नीर और नारी का संबंध बहुत ही प्राचीन समय से है। चाहे घरों में पानी की व्यवस्था करने की बात हो या घर का प्रबंधन करने की, नारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस अवसर पर महिलाओं को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से जल के महत्व को समझाया और उन्हें जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं घर की नींव हैं और यदि वे अपने मन में जल संरक्षण का संकल्प धारण कर लें तो निश्चित तौर पर ही जल संरक्षण को लेकर जल रहे अभियान को सफल बनाया जा सकता है।

रसोई से निकला कूड़ा अत्यंत उपयोगी
इस वेबिनार में एनसीआर वेस्ट मैटर्स की फाउंडर मोनिका खन्ना गुलाटी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि घर की रसोई से निकलने वाला कूड़ा अत्यंत उपयोगी है जिसका इस्तेमाल खाद बनाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि रसोई के कचरे का सदुपयोग करें और इसे व्यर्थ में ना फैंके। वेबिनार में क्रोकरी बैंक की फाउंडर समीरा सतीजा ने बताया कि प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए उनकी संस्था द्वारा विभिन्न अवसरों पर स्टील के बर्तनों को निशुल्क उपलब्ध करवाती हैं।

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी बताये
इसके अलावा, समय-समय पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से भी आमजन को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है। प्योर हार्ट फाउंडेशन से शालु जोहर सैनी ने महिलाओं को पर्सनल हाइजीन के बारे में प्रेरित किया। एनरीचेड सोयल एण्ड सोयल से फाउंडर डायरेक्टर पूर्णिमा सवार गोनकर तथा रैडक्रॉस वर्किंब वुमन होस्टल से कविता सरकार ने जल सरंक्षण में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे।

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