आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स ने गुरूग्राम पुलिस कमिश्नर आफिस का घेराव किया.
सीएम सिटी के बाद आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स द्वारा चंडीगढ़ कूच का फैंसला.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सड़कों पर उतर सरकारी दमन का विरोध करेंगी.
भाजपा सरकार दमन का रास्ता छोड़कर बातचीत के जरिए समाधान करे

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। लाल यूनिफार्म पहने बीते कई माह से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर सरकार के सामने विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शनरत आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स में रोष बढ़ता ही जा रहा हैै। सीएम सिटी के बाद आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स के द्वारा चंडीगढ़ कूच का फैंसला किया गया। विधानसभा सत्र का बजट सत्र आरंभ होने पर चंडीगढ़ कूच के लिए जा रही आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स के बर्बर दमन, उत्पीड़न और गिरफ्तारियों की जनवादी महिला समिति के द्वारा कड़ी निंदा की गई है आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स ने हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से मांग करते कहा गया है कि भाजपा सरकार दमन का रास्ता छोड़कर बातचीत के जरिए उनकी मांगों का समाधान करे।

गुरूवार को आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स ने गुरूग्राम पुलिस कमिश्नर आफिस का का घेराव किया और मुर्दाबाद के नारे लगाये व रोड भी जाम किया। आंदोलनकारी आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स ने कहा कि सरकार के इशारे और दवाब पर पुलिसिया दमन और उत्पीड़न से महिलाओं की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स 3 महीने से हड़ताल पर हैं । 14 फरवरी से सीएम खट्टर  के विधानसभा क्षेत्र करनाल में दिन रात का महापड़ाव डाले हुए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता केवल यह मांग कर रही हैं कि साल 2018 में सीएम और पीएम के द्वारा की गई घोषणाओं को लागू किया जाए। परंतु बेहद शर्म की बात है कि हरियाणा सरकार अपनी ही घोषणाओं को लागू की वजह दमन का हर हथकंडा अपना रही है।

उससे एक कदम ज्यादा बढ़ाते हुए आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स को टर्मिनेट किया हुआ है, सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स पर मुकदमे दर्ज कराये गए हैं। आंदोलन को तोड़ने के लिए राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। गुरूवार को जब आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स विधानसभा कूच के लिए निकली तो उन्हें रास्तों में रोक लिया गया, घरों में नजरबंद कर दिया गया, वाहनों को इंपाउंड कर दिया गया और हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स ने आरोप लगसा कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ हाथापाई, मार पिटाई तक की है ।

जिसमें कई महिलाओं के कपड़े तक फट गए हैं । इससे पहले 17 फरवरी को आशा वर्कर्स को अंबाला प्ंहुचने से रोकने के लिए भी भाजपा की सीएम खट्टर नेतृत्व वाली सरकार ने यही रवैया अख्तियार किया था। महिला हितेषी होने का ढोंग करने वाली राज्य की भाजपा सरकार लाठी गोली के दम पर महिलाओं की आवाज को दबाना चाहती है । परंतु हरियाणा की महिलाएं भाजपा सरकार के इस तानाशाही रवैए को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगी। 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हरियाणा भर की महिलाएं सड़कों पर उतर कर इस सरकारी दमन का जबरदस्त विरोध करेंगी।