–पूर्व प्रधान बोले इस दौरान दो बार चुनाव तक हो गए, अवैध कार्यकारिणी चला रही है सभा प्रशासन व सरकार से करेंगे शिकायत
–जिला रजिस्ट्रार ने कहा चार्ज लेना प्रशासक की जिम्मेदारी

नारनौल, रामचंद्र सैनी

पिछले कुछ वर्षों से चल रहा सैनी सभाा के विवादों का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। सभा के पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश सैनी ने पिछले दिनों एक पत्रकारवार्ता करके सभा के रिसीवर सहित 12 लोगों को मानहानि का नोटिसे देने की जानकारी देने के बाद अब इस मामले में कुछ  और कागजात उपलब्ध करवाये हैं। जिनमें सैनी सभा पर 17 फरवरी को जिला रजिस्ट्रार द्वारा नारनौल के जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा को सैनी सभा को प्रशासक नियुक्त करने के आदश तथा इस आदेश के खिलाफ स्टेट रजिस्ट्रार में तत्कालीन प्रधान द्वारा की गई अपील खारिज होने के आदेश की प्रति भी शामिल है। पूर्व प्रधान ने आज इन कागजातों की प्रतियां सौंपने के बाद बताया कि जिला रजिस्ट्रार के आदेशों के अनुसार आज भी जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा सैनी सभा के बतौर प्रशासक नियुक्त है क्योंकि स्टेट रजिस्ट्रार ने तत्कालीन प्रधान की अपील 18 अगस्त 2020 को ही खारिज करके जिला रजिस्ट्रार के आदेश को बरकार रखा था। हालांकि स्टेट रजिस्ट्रार के फैसले को भी तत्कालीन प्रधान बिशन कुमार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सोसायटी डीजी के अपील की हुई है, परंतु वहां से स्टेट रजिस्ट्रार के आदेशों के खिलाफ किसी प्रकार की स्टे या राहत नहीं है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 जून 2022 को होनी है। इस बात की पुष्टिï जिला रजिस्ट्रार के तत्कालीन सहायक विस्तार अधिकारी राकेश यादव कर रहे हैं।

पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश सैनी ने बताया कि जब 17 फरवरी 2020 को जिला रजिस्ट्रार ने सैनी सभा पर प्रशासक नियुक्त कर दिया और इन आदेशों के खिलाफ तत्कालीन प्रधान को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली तो भी उन्होंने अपनी मनमर्जी से सैनी सभा में तानाशाही फैसले चालू रखे। जिनमें उनकी सदस्यता रद्द करना भी एक शामिल रहा है। इतना ही नहीं तत्कालीन तथाकथित कार्यकारिणी ने सरकार के सोसायटी एक्ट को धता बताते हुए, जिला रजिस्ट्रार के आदेशों को दरकिनार करते हुए चुनाव तक करवा दिए। इस कार्यकारिणी ने जिला रजिस्ट्रार ने अपने पत्र में अनअप्रवूड तक बताकर इसकी एक प्रति सभा के प्रशासक को प्रेषित की हुई है फिर  भी प्रशासक ने आज तक सभा का चार्ज क्यों नहीं लिया है यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश ने बताया कि अब वे इस मामले में प्रशासक की कार्यशैली के खिलाफ जिला प्रशासन एवं सरकार को लिखकर सरकार के सोसायटी एक्ट की पालना करवाने की मांग करेंगे।

चार्ज नहीं मिलने की सूचना दे दी गई थी: प्रशासक
इस बारे में जिलास समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि उन्हें 17 फरवरी 2020 को तत्कालीन जिला रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक पत्र मिला था, जिसमें उन्हें सैनी सभा का प्रशासक के नियुक्ति की सूचना मिला थी। उन्होंने बताया कि वे उस दौरान कई बार सैनी सभा के कार्यालय परिसर में गए थे लेकिन उन्हें कई बार ताले लगे मिले तो कई बार संबंधित पदाधिकारी मौके पर नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने सभा के कार्यालय पर नोटिस चस्पा करके भी बतौर प्रशासक चार्ज देने के लिए कहा था। जब सभा की तत्कालीन मैनेजमेंट की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया तो उन्होंने इस बारे तमाम जानकारी लिखित रूप में जिला रजिस्ट्रार व प्रशासन को दे दी थी।

चार्ज लेना प्रशासक की जिम्मेदारी वैसे फाइल देखकर ही कुछ बता पाउंगा: जिला रजिस्ट्रार
इस समय नारनौल जिला रजिस्ट्रार का एडिशनल कार्यभार संभाल रहे रेवाडी के जिला रजिस्ट्रार अनिल यादव का इस मामले में कहना है कि वैसे प्रशासक की नियुक्ति होने के बाद चार्ज लेने की जिम्मेदारी प्रशासक की ही होती है। अनिल यदव ने बताया कि वे अभी 7 महीने से ही यहां एडिशनल नियुक्त हुए हैं। सैनी सभा पर प्रशासक नियुक्त होने के बारे में उन्हे कोई जानकारी नहीं है।े फिर भी फाइल देखने पर प्रशासक के पत्राचार हुए भी है या नहीं देखने के बाद ही इस मामले में विस्तार से जानकारी देना उचित होगा।

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