भारत सारथी/कौशिक

नारनौल। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेत्री श्रुति चौधरी ने यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से सभी भारतीय नागरिकों को हर हाल में सुरक्षित बचाने की अपील की है। उन्होंने खारकीव गोलीबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन कुमार के परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं। उनका यह बयान स्थानीय नेता देवेंद्र हुडिना की ओर से जारी किया गया।

पूर्व सांसद ने कहा कि यूक्रेन में अब भी कई हजारों छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं और इनमें शहरी ही नहीं, ग्रामीण युवक-युवतियां भी शामिल हैं। भारतीय रूख के चलते यूक्रेन में हमारे देश के छात्र-छात्राओं पर खतरा बढ़ गया है।

यूक्रेन में भारतीय दूतावास ही नहीं, सारी हेल्प लाइनें भी बंद कर दी गई हैं और यह बेहद खराब स्थिति है। वहां फंसे भारतीय जीवन बचाने की जद्दोजहद से लड़ रहे रहे हैं। वह भूखे-प्यासे रहकर पैदल ही निकल पड़े हैं, ताकि किसी भी तरह उनका जीवन बच जाए। छात्र-छात्राएं पैदल ही निकल पड़े हैं तथा वहां के हालात बेहद डरावने बने हुए हैं। उनके पास पैसे भी नहीं हैं। वहां फंसे छात्र-छात्राओं के बहुत सारे वीडियो सोशल मीडिया के जरिए मिल रहे हैं और हर कोई मदद के लिए भारत सरकार के सामने हाथ फैला रहा है। यूक्रेन में फंसी छात्राओं का बहुत बुरा हाल है और वहां छात्राओं को उठाकर उनके साथ अमानवीय ज्यादतियां की जा रही हैं। सारा माहौल बेहद डरावना बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन हमले से पहले ही भारतीय छात्र-छात्राओं को निकालने में हमारी केंद्र सरकार से चूक हुई है और इसका खामियाजा देशवासियों को भुगतना पड़ रहा है। यदि युद्ध से पहले ही भारतीय दूतावास को छात्र-छात्राओं को निकलने के लिए समय रहते आदेशित कर दिया जाता तो वहां फंसे हजारों छात्र-छात्राएं संभवत: सुरक्षित पहुंच जाते। लेकिन अब जो भी फंसे हुए हैं, उन्हें बचाने की हर संभव सहायता करनी चाहिए तथा एक-एक भारतीय को सुरक्षित अपने देश लाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा दो-दो प्लेन भेजने से ज्यादा मदद नहीं होने वाली है। इसलिए भारत सरकार बॉर्डरों पर फंसें भारतीयों को लाने के लिए बसों को भेजने की भी व्यवस्था करे। सरकार का फर्ज बनता है कि वह एक-एक नागरिक को सुरक्षित बचाने के लिए हर प्रकार से मदद करे। उन्होंने फंसे भारतीयों एवं उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं एवं सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार युद्ध की आड़ में राजनीति चमकाने की बजाए हकीकत में व्यापक स्तर पर जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाए। 

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