क्या गुरुग्राम में बंद पड़े मकान-कोठी बनाये जा रहें विस्फोटक के स्टोरेज.
2 हैंड ग्रेनेड, 15 प्रैक्टिस हैंड ग्रेनेड, 43 गोली के खोल, विस्फोटक बरामद.
सेक्टर 31 में कोठी नंबर 12 पी पर बीते 2 वर्ष से लटका हुआ था ताला.
इसी कोठी के ही वेस्टर्न स्टाइल कमोड में रखा था यह सारा विस्फोटक.
चार घंटे की कड़ी  मशक्कत के बाद बम निरोधक दस्ते ने किया डिफ्यूज

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । देश की राजधानी के दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते हाइटेक सिटी गुरुग्राम में बंद पड़े मकान क्या कोठियां विस्फोटक स्टोरेज में तब्दील की जा रही है ? यह सवाल इस लिहाज से बड़ा सवाल बनकर उभरा है कि मंगलवार को हाइटेक सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 31 में एक बंद कोठी से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया । बड़ा और लाख टके का सवाल यह है कि जहां से यह विस्फोटक बरामद हुआ , वह कोठी बीते 2 वर्ष से बंद बताई गई है । बीते 2 वर्ष के दौरान कोरोना महामारी को देखते हुए जिस प्रकार का लॉकडाउन लगाया गया और गणतंत्र दिवस सहित स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व के मौके पर खाकी के द्वारा पैनी नजर रखते हुए गहन चेकिंग अभियान चलाने के साथ ही नाइट डोमिनेशन की एक्सरसाइज भी लगातार की जाती रही है। इतनी चाक- चौबंदी और चेकिंग के बीच साइबर सिटी गुरुग्राम के एक बंद कोठी में विस्फोटक का पहुंचना या पहुंचाया जाना एक नहीं अनेक सवाल बनकर सामने आया है।

मंगलवार को महाशिवरात्री पर्व के मौके पर गुरूग्राम के सेक्टर 31 में उस समय हड़कंप सहित सनसनी फैल गई , जब यहां सेक्टर के एक मकान से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। इस सारे विस्फोटक को पुलिस के बम निरोधक दस्ते के द्वारा निरस्त कर दिया। जिसमे एक तेज धमाके की आवाज भी सुनाई दी। सूत्रों के मुताबिक गुरूग्राम पंलिस को एक ट्विट के माध्यम से सेक्टर 31 में एक बंद कोठी में विस्फोटक की जानकारी मिली। इसके तुरंत बांद पुलिस महकमा हरकत में आ गया और बताए गए स्थान की घेराबंदी तक कर ली गई। इसके साथ ही पुलिस सहित अन्य एजेंसियों के बम निरोधक दस्ते को सूचना दी गई। दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरूग्राम के सेक्टर 31 स्थित कोठी नंबर 12 पी, इसी कोठी के बाथरूम के वेस्टर्न स्टाइल कमोड में से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है। जिस समय इस विस्फोटक की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर द्वारा बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया।

बम निरोधक दस्ते  के द्वारा विस्फोटक का सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, तो मौके से दो हैंड ग्रेनेड 15 प्रैक्टिस हैंड ग्रेनेड 43 गोली के खाली खोखे और बाईकैट स्ट्रीच को बरामद किया गया। इतना अधिक फिस्फोटक की जानकारी के बाद सभी के हाथ-पांव फूल गए तथा आसपास के लोगों की सांसे फूल गई। बम निरोधक दस्ते के द्वारा करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस बरामद किये गए विस्फोटक को वहीं पर ही करीब 6 फुट गहरे गड्ढे को खोद उसमें डालकर, चारों तरफ मिट्टी भरे कट्टे लगा डिफ्यूज कर दिया। जिस वक्त बम निरोधक दस्ते ने इस विस्फोटक को डिफ्यूज किया उस बीच एक बड़ा धमाका भी हुआ। पुलिस और एक्सपर्ट की माने तो यहां मिले विस्फोटक में दो हैंड ग्रेनेड और बाकी का विस्फोटक इतना खतरनाक था कि यदि यह मकान-कोठी में ही फट जाता तो आसपास के इलाके को काफी नुकसान -तबरही का भी कारण बन सकता था। इसीलिए बम निरोधक दस्ते ने 6 फीट का गहरा गड्ढा खोद उसमें इस विस्फोटक को डाला और उसके ऊपर मिट्टी से भरे कट्टों को रखकर इस को डिफ्यूज किया गया। इससे पहले कोठी में कहां-कहां विस्फोटक हो सकता है, यह जानने के लिए विस्फोटक खोजी डॉग की भी मद्द ली गई।

वीरेंद्र विज, डीसीपी ईस्ट का कहना है कि फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है । गुरुग्राम पुलिस की एक टीम दिल्ली इस मकान मालिक से जानकारी एकत्रित करने के लिए जा चुकी है। गुरुग्राम पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी स्थानीय थाने में मिली। पुलिस को अपने सूत्रों के मार्फत जानकारी हासिल हुई थी । जिसके बाद इस पूरी विस्फोटक सामग्री को बरामद किया गया और उसे वही निरस्त भी कर दिया गया। पुलिस को जो जानकारी हाथ लगी है सेक्टर 31 में स्थित इस कोठी का मालिक पिछले 2 साल से यहां नहीं रह रहा है। कोठी रविंद्र अग्रवाल दिल्ली निवासी के नाम पर है जो कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है। गुरूग्राम पुलिस मकान मालिक से पता कर रही है और कि आखिरकार यह विस्फोटक यहां कैसे आया।

बीएस यादव, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष की माने तो गुरूग्राम के सेक्टर 31 से बरामद हुए इस विस्फोटक सामग्री के पीछे कई बड़े सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कि आखिरकार इस बंद पड़ी कोठी के अंदर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कहां से आया और क्यों लाया गया ? एक बड़ा सवाल यह है कि जहां पर यह विस्फोटक मिले हैं , उसी के सामने वह सीएनजी पंप है, जहां पर कल ट्रिपल मर्डर हुए थे । ऐसे में यह भी सवाल उठता है की ट्रिपल मर्डर और इन विस्फोटक पदार्थों के बीच कोई संबंध तो नहीं है या फिर गुरुग्राम को दहलाने की साजिश रची जा रही थी। यह विस्फोट की सूचना भी उस दिन गुरूग्राम पुलिस के पास पहुंची जब भोंडसी में एक कार्यक्रम में हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आये हुए थे।

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