प्रदेश में नकली दूध बनाने व बेचने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

भिवानी, 27 फरवरी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसान भगवान का जयघोष करते हुए रविवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल के अनुरोध पर पशुपालन विभाग की दवाईयों के बजट दोगुना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नकली दूध बेचने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार के लिए और अधिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे तथा पशुपालन को प्रोत्साहन देकर प्रदेश मेें बेरोजगारी को मिटाने व किसान की आय बढाने का प्रयास किया जाएगा।

भिवानी सेक्टर 13 के सामने मैदान में आयोजित 38 वीं राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वयं किसान होने के नाते वह किसानों का दु:ख दर्द समझते हैं। उन्होंने कहा कि जोत घटने से किसान की आय भी कम हो रही है। इसीलिए सरकार किसानों की आमदनी बढाने के लिए भरसक रूप से प्रयास कर रही है। किसान की आय को बढ़ाना आज सबसे बड़ा चैलेंज है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने भरोसे के साथ मंच से ऐलान किया कि समस्याएं चाहे अनेक हों, उनका समाधान उनकी अपनी भाजपा सरकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से रासायनिक खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने की अपील करते हुए कहा कि जल्दी ही सरकार जीरो बजट खेती पर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। कृषि क्षेत्र को वैज्ञानिक व नई तकनीक से जोडक़र किसान का खर्च घटाया जा सकता है। इसके अलावा हम गौ पालन कर उसके गोबर की खाद, गौमूत्र का प्रयोग कर भूमि को उर्वरा बना सकते हैं। जीरो बजट खेती की अवधारणा मजबूत करने के लिए सरकार सक्रिय अभियान शुरू करने जा रही है। किसान की आमदनी में वृद्घि के लिए कृषि के सहायक व्यवसायों जैसे मधुमक्खी पालन, डेयरी, मशरूम उत्पादन आदि को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक ऋण व अनुदान योजनाएं चलाई जा रही हैं। युवाओं को इन योजनाओं से जोडक़र बेरोजगारी को दूर करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार ऋण योजनाओं का सद्पयोग करने की बजाय उनका दूसरे कार्य में प्रयोग किया जाता है। जबकि ऋण मिलने के बाद होने वाली कमाई से लोन को चुकाया जाए तो बैंक उस लाभार्थी को और अधिक राशि का ऋण मंजूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि नशे की गर्त में जाकर कोई भी आदमी अपने परिवार की आर्थिक हालत को खराब ना करे, अपितु अपनी मेहनत की कमाई से लोन की अदायगी कर सरकार की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ उठाए।

उन्होंने कहा कि हर युवक को नौकरी देना संभव नहीं है। सरकार हर साल दस-पंद्रह हजार पदों के लिए भर्ती करती है, जबकि हर साल दो लाख युवाओं को रोजगार की जरूरत है। इसकी पूर्ति के लिए सरकार ने स्वरोजगार से युवाओं को जोडऩे की पहल की है। इसमें पशुपालन एक कारगर व्यवसाय के रूप में उभर कर सामने आया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि अभी जो अंत्योदय परिवारों के लिए मेले लगाए गए, उनमें 38 हजार आवेदनों में से 23 हजार पांच सौ आवेदन पशुपालन डेयरी के लिए आए हैं। अपने संबोधन से पहले मुख्यमंत्री ने शहीद चंद्रशेखर आजाद को श्रद्घाजंलि अर्पित की। मां शारदा व शहीद चंद्रशेखर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पशुधन प्रदर्शनी का सफल आयोजन कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद किया गया है। इसे हर साल आयोजित किया जाएगा। किसानों और पशुपालकों ने इस मेले को लेकर पूरा उत्साह दिखाया है। दो हजार बेहतर नस्ल के पशु इस मेले में लाए गए। जिनको देखकर अन्य किसानों को भी अपने पशु का खान-पान और नस्ल सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंंने कहा कि प्रदेश में पशुपालन विभाग की ओर से एंबलैंस सेवा के लिए 70 मोबाइल वैन शुरू की जाएंगी। उनका विभाग कृत्रिम गर्भाधान की विधि बकरियों के लिए भी आरंभ करने जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक सच्चा किसान हितैषी बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। समारोह में सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि खेलों में पदक, सेना में रहकर सीमा की रक्षा के अलावा आज यह मेला देखकर एहसास हुआ कि पशुपालन में भी हरियाणा का किसान मजबूत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जो किसान जैविक खेती करता है, उसको दस हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाए। कार्यक्रम में पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैनचेयरमैन रणधीर सिंह गोलन ने मुख्यमंत्री व अन्य अतिथिगण का स्वागत किया। भिवानी के विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने कहा कि पिछले तीन दिनों से इस मेले ने भिवानी में धूम मचाई हुई है। एक लाख से अधिक लोगों ने पशुधन मेले का अवलोकन किया है।

समारोह में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग, बवानीखेड़ा के विधायक बिशंभर वाल्मिकी, गौसेवा आयोग के चेयरमैन सरवन गर्ग, लुवास हिसार के कुलपति विनोद वर्मा, चौ. चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बीआर कंबोज, पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, पशुधन विकास बोर्ड के प्रबंध निदेशक डॉ. एसके बागोरिया, महानिदेशक डा. वीएस लौरा, सीएम के ओएसडी अजय गौड़, उपायुक्त आरएस ढिल्लो, पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत, अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल, एसडीएम महेश कुमार, संदीप अग्रवाल व उप निदेशक डॉ. सुखदेव राठी, डॉ. तेजेंद्र राणा सहित अनेक अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

पशुधन प्रदर्शनी के आखिरी दिन मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से तीन ट्रैक्टरों के लिए ईनामी कूपन निकाले। यह पुरस्कार गांव गिगनाऊ के उमेद सिंह व भिवानी जिलावासी सत्यवान को दिया गया। तीसरा पुरस्कार विजेता प्यारेलाल मौके पर उपस्थित ना होने के कारण उसे बाद में ट्रैक्टर नहीं दिया जाएगा। प्रर्दशनी में 60 लाख रुपए के ईनाम निकाले गए।