-एनओसी मामले में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने उपायुक्त को दिए कार्रवाई के निर्देश
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर लिया राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संज्ञान
-शहर के कई निजी व सरकारी अस्पतालों में भी नहीं नियम पूरे, फिर भी दी एनओसी

भिवानी, 28 फरवरी। अधूरे दस्तावेजों के बावजूद जिला दमकल विभाग ने शहर के कई निजी और सरकारी अस्पतालों को फायर एनओसी जारी किए जाने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला दमकल अधिकारी एवं उसके कार्यालय के स्टाफ द्वारा मिलीभगत कर अधूरे दस्तावेजों पर फायर एनओसी जारी किए जाने की शिकायत मुख्य सचिव हरियाणा सरकार व उपायुक्त को शिकायत दी थी। इस मामले में उपायुक्त की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया, जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव की शिकायत पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भिवानी उपायुक्त को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने इस मामले में उपायुक्त कार्यालय द्वारा की गई कार्रवाई से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराए जाने के निर्देश दिए हैं।स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि उसने जिला दमकल अधिकारी कार्यालय से आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। जिसमें दमकल विभाग ने 56 निजी अस्पतालों में से सिर्फ 6 निजी अस्पतालों को ही फायर एनओसी लिए जाने की पुष्टि की थी। लेकिन इसके बाद संगठन के समक्ष काफी ऐसे तथ्य आए, जिससे जिला दमकल अधिकारी और उसके कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मिलीभगत से कई निजी अस्पतालों को अधूरे दस्तावेजों के बावजूद फायर एनओसी जारी कर दी गई। इस संबंध में संगठन ने मामले की शिकायत अतिरिक्त मुख्य सचिव को दी। जिस पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इस मामले में उपायुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

बृजपाल सिंह परमार का आरोप है कि जिला दमकल अधिकारी व उसके कर्मचारियों ने मिलीभगत कर कुछ ऐसे निजी अस्पतालों को भी एनओसी जारी कर दी। जिनका न तो नगर परिषद से अस्पताल के नाम नक्शा पास है और न ही संबंधित विभागों की कोई एनओसी। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि बिल्डिंग कोड के नियमों की भी अनदेखी की गई है। ऐसा करना मरीजों की जांच से खिलवाड़ और बड़े हादसे का अंदेशा भी है। उन्होंने बताया कि 2020 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी अस्पतालों में हुई आगजनी की घटनाओं के बाद कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त आदेश दिए थे। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी 2020 में आदेश जारी किए गए थे कि पैट्रोल पंप से अस्पताल 50 मीटर दूरी पर होना चाहिए। इस नियम की भी अनदेखी हुई है। 

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