नसीबपुर जेल के डिप्टी सुप्रिडेंट कुलदीप हुड्डा ने जमानत याचिका खारिज होने के बाद गुरुग्राम में ज़हर खाया

गुरुग्राम एसजीटी मेडिकल यूनिवर्सिटी में ले जाया गया , जहां उनकी मौत हो गई
गुरुग्राम के एक अधिवक्ता द्वारा भी मामला दर्ज करवाया हुआ है। 

भारत सारथी/ कौशिक

 नारनौल । हरियाणा के गुरुग्राम में नसीबपुर जेल में रिश्वत कांड के आरोपी फरार चल रहे डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट ने जहर खाकर आत्म हत्या कर ली। डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा ने जहर खाया और उसे अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई हो गई। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

जानकारी के अनुसार, नारनोल में तैनात 45 वर्षीय डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा के खिलाफ विजिलेंस ने हाल ही में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था । गुरुवार को हाईकोर्ट से उनकी बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट हो गई थी। बेल रिजेक्ट होने के बाद कुलदीप हुड्डा ने जहर खा लिया। इलाज के लिए उन्हें एसजीटी मेडिकल यूनिवर्सिटी में ले जाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई।

यह है पूरा मामला
नसीबपुर जेल घूसकांड डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा आरोपी था. वह ढाई महीने से फरार चल रहा था। विजिलेंस ने भी आरोपितों की गिरफ्तारी की तैयारी में थी। गुरुवार रात को जैसे ही उन्होंने आत्महत्या की तो गुरुग्राम राजेंद्रा पार्क पुलिस जांच के लिए मौके पर पहुंच थी। 

गौरतलब है कि दोनों अधिकारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की हुई थी। यह याचिका बृहस्पतिवार को खारिज हो गई है। विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा भी उच्च न्यायालय के फैसले पर नजर रख रहे थे। नवल किशोर शर्मा ने कहा कि आरोपित अधिकारी लगातार फरार चल रहे हैं और उनके दो बार न्यायालय द्वारा अरेस्ट वारंट जारी किए हुए हैं। 25 फरवरी तक अरेस्ट वारंट की अवधि भी पूरी हो जाएगी। इसके बाद भी आरोपित अधिकारी पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ नसीबपुर और रेवाड़ी जेल के बाहर और उनके घरों पर इश्तिहार चस्पाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। विजिलेंस की टीमें आरोपितों को पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार करने के लिए अब तेजी से अभियान चलाएगी। इसके बावजूद भी नहीं मिले तो सेक्शन 82 के तहत पीओ घोषित और 83 के तहत संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई पर अमल करने का निर्णय ले लिया था। 

असल में विजिलेंस टीम ने नौ दिसंबर 2021 को नसीबपुर जेल में छापा मारकर दो जेल वार्डनों को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जेल वार्डनों ने इस घूसकांड में दोनों आरोपित अधिकारियों के शामिल होने का खुलासा किया था। इसके अलावा भी एक और अन्य मामला भी आरोपित अधिकारियों के खिलाफ गुरुग्राम के एक अधिवक्ता द्वारा दर्ज करवाया हुआ है। 

क्यों ली गई थी एक लाख रुपये की रिश्वत
गैंगेस्टर विक्रम उर्फ पपला का साथी संदीप सिधिया निवासी गांव मौखूता जिला जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आरोपित राजन उसे प्रताड़ित करता था। जेल वार्डन ने चक्की से बचने, मोबाइल व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की थी। कैदी के छोटे भाई हंसराज ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन से शिकायत की थी।

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