हुड्डा के साथ घूस कांड में फंसे जेल अधीक्षक अनिल कुमार की भी जमानत हुई खारिज

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नारनौल जेल पर कार्यरत डिप्टी सुप्रिडेंट कुलदीप सिंह हुड्डा ने जमानत खारीज होने पर फांसी लगाकर जान देने की जानकारी मिली है। उसके खिलाफ विजिलेंस नारनौल द्वारा भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया हुआ था। जिसने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की हुई थी।आज नसीबपुर घूसकांड में फंसे पूर्व जेल अधीक्षक अनिल कुमार और उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई ।

करीब ढाई महीने से भगौड़े हुए दोनों आरोपित अधिकारियों की पेश होने के लिए दूसरे अरेस्ट वारंट की अवधि भी समाप्त होने जा रही है। अब विजिलेंस अधिकारी उनके घरों पर इश्तिहार चस्पाने की कार्रवाई करने की तैयारी में जुटी है। जल्द ही आरोपित अधिकारी विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए तो आने वाले समय में उन्हें न्यायालय से पीओ घोषित करवाया जाएगा।

इसके बाद भी पेश नहीं हुए तो संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी। जाहिर है कि इन परिस्थितियों में दोनों अधिकारियों के सामने बेहतर विकल्प विजिलेंस के सामने पेश होना ही होगा।

गौरतलब है कि दोनों अधिकारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की हुई थी। यह याचिका बृहस्पतिवार को खारिज हो गई है। विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा भी उच्च न्यायालय के फैसले पर नजर रख रहे थे। नवल किशोर शर्मा ने कहा कि आरोपित अधिकारी लगातार फरार चल रहे हैं और उनके दो बार न्यायालय द्वारा अरेस्ट वारंट जारी किए हुए हैं। 25 फरवरी तक अरेस्ट वारंट की अवधि भी पूरी हो जाएगी। इसके बाद भी आरोपित अधिकारी पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ नसीबपुर और रेवाड़ी जेल के बाहर और उनके घरों पर इश्तिहार चस्पाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। विजिलेंस की टीमें आरोपितों को पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार करने के लिए अब तेजी से अभियान चलाएगी। इसके बावजूद भी नहीं मिले तो सेक्शन 82 के तहत पीओ घोषित और 83 के तहत संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई पर अमल किया जाएगा।

ये है मामला

असल में विजिलेंस टीम ने नौ दिसंबर 2021 को नसीबपुर जेल में छापा मारकर दो जेल वार्डनों को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जेल वार्डनों ने इस घूसकांड में दोनों आरोपित अधिकारियों के शामिल होने का खुलासा किया था। इसके अलावा भी एक और अन्य मामला भी आरोपित अधिकारियों के खिलाफ गुरुग्राम के एक अधिवक्ता द्वारा दर्ज करवाया हुआ है।

क्यों ली गई थी एक लाख रुपये की रिश्वत

गैंगेस्टर विक्रम उर्फ पपला का साथी संदीप सिधिया निवासी गांव मौखूता जिला जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आरोपित राजन उसे प्रताड़ित करता था। जेल वार्डन ने चक्की से बचने, मोबाइल व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की थी। कैदी के छोटे भाई हंसराज ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन से शिकायत की थी। पुलिस अधीक्षक ने वार्डन को रंगे हाथों पकड़वाने के लिए मुख्यालय से संपर्क किया। नूंह विजिलेंस ने योजनाबद्ध तरीके से 500-500 रुपये के नोटों की दो गड्डियों (एक लाख रुपये) पर लाल पाउडर लगाकर हंसराज को दे दिया। हंसराज ने नसीबपुर जेल का दरवाजा खुलवाकर मुख्य द्वार पर तैनात राजन नामक जेल वार्डन को यह राशि दे दी। जैसे ही यह राशि जेल वार्डन ने ली तो विजिलेंस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। राजन ने विजिलेंस टीम को बताया था कि उक्त राशि उसने गजे सिंह वार्डन के कहने पर ली है। टीम ने गजे सिंह को जेल से ही काबू कर लिया । महेंद्रगढ़ कोर्ट में चलाई थी संदीप ने गोलियां
संदीप ने अपने साथियों के साथ सन 2017 में पपला गुर्जर को छुड़ाने के लिए महेंद्रगढ़ के न्यायालय के सामने पुलिस पर हमला किया था। इस मामले में संदीप को दो साल पूर्व उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

जेल विभाग ने अभी तक नहीं की है कार्रवाई

विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार दोनों अधिकारी पिछले करीब ढाई माह से भगोड़े हैं और जेल में अनुपस्थित चल रहे हैं।लेकिन अभी तक दोनों पर निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई है।

डिप्टी सुप्रिडेंट कुलदीप सिंह हुड्डा ने जमानत याचिका खारिज होने पर आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली बताई जा रही है। विस्तृत मामले की प्रतीक्षा है।

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