–जिला समाज कल्याण अधिकारी को भी भेजा गया है नोटिस
जिला रजिस्ट्रार के पत्र का हवाला देकर 2017 बाद से अब तक चली आ रही मैनेजमेंट को भी बताया अवैध

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। आज से सात साल पहले वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक नारनौल की अग्रणी सामाजिक संस्था सैनी सभा के प्रधान रहे मास्टर जयप्रकाश सैनी ने अपनी सदस्यता रद्द मामले में 2017 के के बाद से अब तक चली आ रही मैनेजमेंट के पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारियों को मानहानि के लीगल नोटिस भेजे हैं। भगवान दास सैनी, केसरी नंदन सैनी,  बिशन कुमार, मुखराम सैनी, गोकलचंद सैनी, रामनिवास सैनी, जगदीश प्रसाद सैनी, संजय कुमार, सुरेंद्र कुमार, रविंद्र सैनी व देवेंद्र सैनी के अलावा इस पीरियड के दौरान  सैनी सभा के रिसीवर रहे जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा भी शामिल है। 

उन्होंने कहा है कि यदि उनकी सदस्यता 15 दिनों के अंदर-अंदर बहाल नहीं की गई तो वे अदालत में मानहानि का क्रीमिनल केस दायर करेंगे। यह बात पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश सैनी ने बृहस्पतिवार को नारनौल के अपार होटल में एक पत्रकारवार्ता में दी।पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश सैनी ने बताया कि  उन्होंने अपने उपरोक्त कार्यकाल के महज दस माह के दौरान ही सभा प्रांगण में सैनी धर्मशाला का भव्य चार मंजिला भवन बनाकर तैयार किया था। इस भव्य भवन के लिए हरियाणा सरकार के विभिन्न मंत्रियों, सांसद तथा सैनी समाज के दानियों से चंदा एकत्रित करके इस कार्य को अंजाम दिया था। जयप्रकाश सैनी ने बताया कि नारनौल के मुख्य रेवाडी रोड पर बनाए गए इस भव्य भवन को देखकर ना केवल शहर बल्कि यहां से आने जाने वालों ने इस कार्य के लिए उनके कार्यकाल व पूरी मैनेजमेंट की जमकर सराहना की।

 पूर्व प्रधान ने बताया कि शहर में आमजन के लोगों की सराहना उनके कुछ विरोधियों को रास नहीं आई। उन्होंने बताया कि सरकार के नियमों की अवहेलना करते हुए गलत तरीके से 2017 में गठित तथाकथित नई कार्यकारिणी ने उनके पांच विरोधी लोगों को शामिल करके एक तथाकथित जांच कमेटी बनाकर उनके कार्यकाल के कार्यों की जांच शुरू करवा दी। पूर्व प्रधान ने बताया कि उनकी मंशा को भांपकर उनके खुद सीएम विंडो में एक शिकायत लगाकर अपने कार्यकाल के कार्यों एवं रिकार्ड की जांच की मांग कर डाली। जिस पर जिला रजिस्ट्रार के तीन अधिकारियों की जांच टीम ने 2014 से 2017 के दौरान सैनी सभा में हुए तमाम विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी। 

जयप्रकाश सैनी ने बताया कि इधर सैनी सभा की तथाकथित जांच कमेटी ने उन्हें पत्र लिखकर जांच में शामिल होने के लिए कहा तो उन्होंने इस मामले में जिला रजिस्ट्रार को फिर पत्र लिखा। इस पर जिला रजिस्ट्रार ने सैनी सभा की तथाकथित कार्यकारिणी व जांच कमेटी को एक पत्र लिखकर सूचित किया कि मास्टर जयप्रकाश सैनी के कार्यकाल की जांच जिला रजिस्ट्रार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम कर रही है इसलिए उनके खिलाफ किसी प्रकार की जांच ना की जाये।
पूर्व प्रधान मास्टर जयप्रकाश सैनी ने बताया कि इसके बावजूद सैनी सभा की तथाकथित जांच कमेटी ने जानबूझकर एक 55 बिदुओं की जांच रिपोर्ट बनाकर मैनेजमेंट को सौंप दी। उन्होंने बताया कि इस जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हर बिंदु पर गबन प्रतीत या अंदेशा होने की टिप्पणी लिखी। कही भी गबन का दोषी साबित नहीं लिखा गया, फिर भी जान बूझकर उस दौरान के प्रधान ने हिटलरशाही चलाते हुए उनकी सैनी सभा से सदस्यता रद्द कर दी।

मास्टर जयप्रकाश सैनी ने बताया कि उनकी सदस्यता रद्द संबंधी पत्र उन्होंने जिला रजिस्ट्रार की जांच कमेटी को  सौंप दिया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि जिला रजिस्ट्रार की जांच कमेटी ने अपनी जांच पूरी करने के बाद उन्हें क्लीन चिट देते हुए कहा कि पूर्व प्रधाान जयप्रकाश सैनी की कार्यकारिणी में 2014 से 2017 के बीच किसी प्रकार का फ्राड या गलत कार्य नहीं पाया गया है। साथ ही इस पत्र में यह भी लिखा गया कि 2017 में गठित सैनी सभा की कार्यकारिणी जिला रजिस्ट्रार से अप्रवूड तक नहीं है, इसलिए यह कार्यकारिणी अनाधिकृत है। ऐसी किसी बॉडी को सैनी सभा के किसी सदस्य को सस्पेंड करने का अधिकार नहीं है। जिला रजिस्ट्रार कार्यालय ने इस क्लीन चिट पत्र की एक प्रति तत्कालीन रिसीवर जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा को भी प्रेषित की थी। 

मास्टर जयप्रकाश सैनी ने पत्रकारवार्ता में उपरोक्त तमाम कागजातों की प्रति मीडिया को सौंपते हुए बताया कि नोटिस में दी गई अवधि पूरी होने तक उनकी सदस्यता बहाल नहीं की जाती है तो वे उक्त सभी 12 लोगों के खिलाफ क्रीमिनल मानहानि का मुकदमा दायर कर देंगे। इस मौके पर उनके साथ सभा के पूर्व प्रधान मोहर सिंह सैनी, मौजूदा उपप्रधान मुंशीराम, पूर्व चेयरमैन कमलेश सैनी व सैनी समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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