शहर में खाद्य विभाग की छापेमारी दो घी की दुकानों के लिए सैंपल

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। जिले में नकली खाद्य सामग्री बेचने वालों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य विभाग की टीम द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। मंगलवार को भी टीम ने छापेमारी कर दो दुकानों पर घी के सैंपल लिए।

उधर पिछले दो माह पूर्व निजामपुर रोड पर नकली घी की फैक्ट्री में की गई छापेमारी में पकड़े गए घी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में पाया गया है कि फैक्ट्री पतंजली घी के मार्का का नकली घी बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। महेंद्रगढ़ रोड स्थित नामी सुपर मार्केट में लिए गए घी के दो सैंपलों की रिपोर्ट भी फेल आई है। इन तीन विक्रेताओं को विभाग की ओर से नोटिस दे दिए गए हैं। मंगलवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी डाक्टर दीपक चौधरी को सूचना मिली कि शहर के बहादुर सिंह तालाब और नई मंडी में बनी होल सेल की दुकानों में नकली घी खुलेआम बेचा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने सूचना पर दोनों दुकानों पर छापा मारकर घी के सैंपल ले लिए हैं और जांच के लिए लैब में भेज दिया है। बता दें कि शहर में नकली खाद्य सामग्री बेचने वालों पर खाद्य विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो सके।

नकली घी के सैंपल हुए फेल :

खाद्य विभाग ने करीब दो माह में तीन जगह छापेमारी कर नकली घी के सैंपल लिए थे। पहला सैंपल निजामपुर रोड स्थित घी की फैक्ट्री में लिया गया था। उक्त फैक्ट्री संचालक द्वारा पतंजलि घी का मार्का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बाद महेंद्रगढ़ रोड स्थित दो सुपर मार्केट से भी घी के सैंपल लिए गए थे। इन तीनों सैंपलों की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में तीनों सैंपल फेल आए हैं। डा. दीपक चौधरी ने बताया कि संबंधित संस्थाओं को सैंपल फेल का नोटिस दिया गया है। इस दौरान एक माह में अगर दुकानदार दिल्ली या अन्य जगह सैंपल की जांच करवाना चाहता है तो करवा सकता है। इसके बाद इस मामले को न्यायालय में ले जाया जाएगा।

सैंपल फेल होने पर सजा का प्रावधान:

अगर किसी खाद्य सामग्री का सैंपल असुरक्षित पाया जाता है तो उसे छह माह से दो साल तक सजा का प्रावधान है। वहीं शहर में पाए गए तीनों सैंपल असुरक्षित पाए गए हैं। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य के खिलाफ काफी समय से खिलवाड़ किया जा रहा था।

लोगों की जागरूकता से लग सकता है अंकुश:

खाद्य सुरक्षा अधिकारी डाक्टर दीपक चौधरी ने बताया कि अगर लोगों का सहयोग मिले तो मिलावटखोरों के खिलाफ और सख्ती के साथ कार्रवाई की जा सकती है। वहीं अगर किसी भी ग्राहक को सामान में मिलावट को लेकर संदेह होता है तो वह खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकता है। जिससे विभाग की तरफ से उचित कार्रवाई की जा सके और मिलावट खोर को सलाखों के पीछे भेजा जा सके।

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