चण्डीगढ़, 22 फरवरी-  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत हैं। मुुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित प्राथमिकताओं पर आने वाले बजट में जोर दिया जाएगा ताकि प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लाभ मिल सकें।

मुख्यमंत्री आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग व एनएचएम तथा आयुषमान भारत योजना के संचालन से संबंधित  अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य जगत से जुड़ी हस्तियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे थे।  हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज इस वीडियो कान्फ्रंेंसिंग में अंबाला से जुडे़ और उन्होंने अपने विचार रखे।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में स्वास्थ्य से जुडे़ सरकारी/निजी डाक्टरों व अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से आये सुझावों  पर विचार करके बजट में जोड़ने का प्रावधान किया जाएगा।  बैठक के दौरान श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रतिनिधि अपने सुझाव या जानकारी ई-मेल या पत्र भेजकर  दे सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में नागरिक अस्पतालों में नागरिकों को ज्यादा व सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए उन सुझावों पर ज्यादा बल दिया जाएगा जिनमें नागरिक अस्पतालों की सेवाओं को सुदृढ़ करने का सुझाव होगा। इसके अलावा, दूर-दराज के गांवों में भी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्र को कवर करने के लिए जल्द ही एक नीति को तैयार किया जाएगा ताकि ऐसे दूर-दराज के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ तरीके से उपलब्ध हो सकें।

इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए तीन बिंदूओं की प्राथमिकता होती है जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और सुदृढ़ अवसरंचना को तैयार करना आवश्यक होता है। इसी कडी में आज स्वास्थ्य के बिंदू पर चर्चा के लिए बैठक रखी गई है, जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहली बार ऐसा हो रहा है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बजट से पूर्व इस प्रकार की चर्चा व विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया हैं, जो सराहनीय है।

श्री विज ने कहा कि वर्ष 2014 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 1500  करोड़ था जो अब बढकर 6500 करोड़ रूपए को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के चार जिलो में कैथलैब संचालित है तथा शेष जिलों में स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार, एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासांउड व आईसीयू की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, वर्तमान राज्य सरकार ने हर जिले में मैडीकल कालेज खोलने का निर्णय लिया है जिसके तहत चार जिलों में मैडीकल कालेज हैं तथा तीन में निर्माणाधीन है तथा तीन जिलों में मैडीकल कालेज को खोलने की अनुमति मिल चुकी है।

श्री विज ने कहा कि पीजीआईएमएम, रोहतक में अनुसंधान के कार्य पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आवश्यतानुसार मैपिंग का कार्य भी किया जाएगा ताकि हरियाणा के किसी भी व्यक्ति को उपचार करवाने के लिए हरियाणा से बाहर न जाना पडें।

वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुडे़ नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य सैक्टर को  बड़ी प्राथमिकता दी जानी चाहिए और भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक स्वास्थ्य के बजट को राज्य सरकारों के लिए कुल बजट का 8 प्रतिशत निर्धारित करने का लक्ष्य दिया है ताकि लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित सुलभ स्वाास्थ्य सुविधाएं मिल सके। हरियाणा का जिक्र करते हुए डॉ पॉल ने कहा कि हरियाणा का स्वास्थ्य बजट वर्तमान में कुल बजट का 5.1 प्रतिशत है, जोकि अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी प्रतिशतता है। इसके अलावा, डॉ पॉल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र निजी भागीदारी व मानव संसाधन पर भी बल दिया।

इस मौके पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक श्री रणदीप गुलेरिया ने अपने सुझावों को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री की स्वास्थ्य क्षेत्र में किए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा राज्य ने अन्य राज्यों के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है इसलिए हमें नागरिकों को  गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं देने की ओर बढना होगा। इसके अलावा, श्री गुलेरिया ने हैल्थ सर्विलांस, प्रशिक्षण, अनुसंधान के अलावा अन्य क्षेत्रों का सुझाव भी दिया।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग बैठक में पब्लिक हैल्थ फाऊंडेशन आफ इंडिया से डा. श्रीनाथ रेडी, रोहतक पीजीआईएमएस की वाईस चांसलर डा. अनिता सक्सेना, आईएमए हरियाणा से डा. पुनिता हसीजा, डा. दिव्या सक्सेना, डा. पंकज मुटरेजा, डा. नवनीत बाली, डा. हरप्रकाश, डा. रजनी मलिक, डा. रमेश सहगल, आयुष विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डा. बलदेव, डब्ल्यूएचओ से डा. विशेष कुमार, डा. आरके अनेजा, डा. वेद बेनीवाल, डा. बिपिन कौशल ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। इस मौके पर आयुष विभाग के निदेशक डा. साकेत ने भी अपने-अपने सुझाव दिए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोडा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव डा. जी. अनुपमा, आयुषमान भारत योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विजय दहिया, एनएचएम के मिशन निदेशक डा. प्रभजोत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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