प्री-बजट परामर्श वर्चुअल मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे की जानकारियां दी

पहली बार पीजीआई रोहतक में रिसर्च कार्य पर किया जाएगा फोकस- स्वास्थ्य मंत्री

चंडीगढ़, 22 फरवरी – हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि सरकारी व प्राइवेट स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा देश में नंबर वन हो और हमारा मकसद है कि ‘हमारे एक भी हरियाणावी को ईलाज कराने के लिए हरियाणा से बाहर न जाना पड़े, हम हरियाणा में ही ऐसा स्वास्थ्य ढांचा तैयार करें’।

स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज आज प्री-बजट परामर्श वर्चुअल मीटिंग में विभिन्न स्वास्थ्य जगत से जुड़ी हस्तियों से बातचीत कर रहे थे। इस वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अलावा प्रदेशभर से डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, डा. एसएन रेड्‌डी, डा. अनिता सक्सेना, डा. वीके पॉल, डा. पुनीता, डा. दिव्या सक्सेना, नवनीत बाली, डा. हरप्रकाश, डा. रजनी, डा. आरके अनेजा एवं अन्य ने वर्चुअल तौर पर हिस्सा लिया।  

श्री विज ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में हम नंबर वन बन सकें, इसी मकसद को लेकर 2 मार्च से हमारा बजट सत्र आरंभ हो रहा है और सभी के अच्छे सुझावों को अमल में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह वीसी हरियाणा के इतिहास में दर्ज होगी जिससे स्वास्थ्य ढांचा में सुधार के सुझावों पर गौर किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी वेल्फेयर सरकार के लिए तीन चीजें करना प्राथमिकता होती है, हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, हर व्यक्ति को अच्छी शिक्षा मिले और हम मजबूत अवसरंचना तैयार करें, ये तीन काम वेलफेयर सरकार के लिए प्राथमिकता होंगे हैं। उन्होंने कहा कि आज हम स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार बजट प्रस्तुत करने से पहले ऐसी मीटिंग की गई हैं जिसमें सभी स्टेक होल्डर चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट सभी से चर्चा करने का एक नया सिलसिला आरंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि जब ज्यादा लोग इसमें जुड़ेंगे तो अच्छे विचार आएंगे, लोग अच्छे सुझाव देंगे। इसी कड़ी में हमारा मकसद है कि हर व्यक्ति तक हम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा सकें उसमें हम जल्दी कामयाब होंगे और अच्छी तरह से पहुंच सकेंगे।

6500 करोड़ पहुंचा स्वास्थ्य बजट – अनिल विज

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार आई है तभी से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। भाजपा सरकार जब आई तब स्वास्थ्य का बजट महज 1500 करोड़ था जोकि आज 6500 करोड़ पार कर चुका है। हमने अपने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने की कोशिश की है, सिविल अस्पताल में कैथ लैब का होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज हमारे चार जिलों में कैथलैब चल रही है और बाकी के जिलों में भी कैथ लैब स्थापित की जा रही हैं। डायलिसिस के लिए मरीजों को आने-जाने का खर्च भारी पड़ता था, उन्हें बाहर जाना पड़ता था, मगर आज एक या दो जिलों को छोड़ सभी जिलों में डायलिसिस की व्यवस्था है। अस्पताल में एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन व अन्य बेहतर व्यवस्थाएं हैं। हर जिले में आईसीयू को स्थापित किया गया है और आज वेंटीलेंटर एवं वेंटीलेटर युक्त एम्बुलेंस भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लगातार  स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर जिले में मेडिकल कालेज खोलना चाहते हैं, 4 मेडिकल कालेज पहले थे और 3 पर निर्माण कार्य चल रहा है जबकि 3 और की अनुमति दी है जिसको बनाने का काम किया जा रहा है।

पीजीआई रोहतक में रिसर्च पर होगा फोकस -विज

स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि हमारा पीजीआई रिसर्च इंस्टीच्यूट है और पहली बार बजट में रिसर्च के लिए भी प्रावधान होगा। यह बहुत बड़ा इंच्टीच्यूट है, कई क्षेत्रों में हमारे पास योग्यता है, हमारे पास साधन है, मगर हमने कभी रिसर्च की ओर ध्यान नहीं दिया और पहली बार इसमें रिसर्च का कार्य भी करने जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर कोरोना की तीनों लहर में अच्छा काम किया है और हमारे काम की सर्वत्र सराहना हुई है क्योंकि सरकारी व प्राइवेट डाक्टर व अन्य स्टाफ ने बेहतर कार्य किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम जल्द ही जरुरत अनुसार मेडिकल सर्विस उपलब्ध कराने के लिए मैपिंग करवाएंगें ताकि आवश्यकतानुसार पीएचसी, सीएससी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक इत्यादि को बढ़ावा मिल सकें और जरूरत अनुसार बिस्तरों की संख्या भी बढाई जा सके।  

350 से ज्यादा अस्पताल एनएबीएच मान्यता प्राप्त – विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य के लोगों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को एनएबीएच होना अनिवार्य किया गया हैं इस निर्णय से राज्य के लगभग 350 अस्पताल एनएबीएच हो गए है। इसी प्रकार, सरकारी अस्पतालों को नेशनल क्वालिटी एसोरेंस स्टेण्डर्ड किया जा रहा है जोकि एनएबीएच के बराबर है और प्रदेश के 80 अस्पतालों को नेशनल क्वालिटी एसोरेंस स्टेण्डर्ड की मान्यता मिल चुकी है।
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