चुनाव के दौरान किसी तथाकथित बाबा को पैरोल क्यों ? चुनाव के दौरान ईडी के छापे क्यों ? चुनाव के दौरान दूसरों के अश्लील वीडियो क्यों ? पहले क्यों नहीं ? कांग्रेस के परिवारवाद को अपनाया क्यों ? राज्यपालों की गरिमा कहां गयी ? कोरोना के दौरान पहले पश्चिमी बंगाल और बाद में पंजाब , उत्तर प्रदेश में रैलियां क्यों ? -कमलेश भारतीय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद चाहते थे कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाये क्योंकि उन्हें अंदाजा था कि कांग्रेस रही तो क्या होगा । प्रधानमंत्री आगे बढ़े और कहा कि कांग्रेस न होती तो आज लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता । संस्थागत भ्रष्टाचार न होते , स्त्रियों के नरसंहार न होते , पंजाब में आतंकवाद न होता और दिल्ली में दंगा न होता और कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती । कितना कुछ कहा कांग्रेस को लेकर , पूरा गुबार निकाल दिया । अप्रत्यक्ष रूप से वर्चुअल रैली कर दी राज्यसभा में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव देखते हुए । अब जवाब में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं कि मेरे तीन सवालों के जवाब फिर भी नहीं दिये प्रधानमंत्री जी ने । कांग्रेस इनके निशाने पर है क्योंकि ये कांग्रेस से अंदर ही अंदर डरते हैं । मैंने पूछा था दो हिंदुस्तान क्यों बना दिये हैं ? मैंने पूछा था कि चीन और पाकिस्तान से बढ़ रहे खतरों के बारे में क्या कर रहे हैं आप ? मैंने पूछा था कि संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जों को लेकर क्या कर रहे हैं आप ? इतने लम्बे भाषण में मेरे सवालों के जवाब नहीं दिये । शायद वे शायर की जुबान में इस तरह पूछते – ये सवालात किसे पेश करूं ?क्या भाजपा इतनी साफ सुथरा छवि वाली पार्टी है ? फिर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए कांड के आधार पर आज तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया ? कुलदीप सेंगर को आखिर तक क्यों भाजपा से बाहर निकालने से बचते रहे ? क्या दंगे खत्म हो गये ? क्या कांग्रेस ही हर काम के लिए दोषी है ? कांग्रेस के नेताओं को फिर भाजपा में शामिल करने की जल्दी क्यों रहती है ? सर्वे में पचहतर प्रतिशत कांग्रेसी ही शामिल क्यों कर लिये ? भाजपा है तो दलबदल है , भाजपा है तो विधायक बिकाऊ हैं , भाजपा है तो ईडी , सीबीआई किसी तोतों की तरह काम कर रही हैं । भाजपा न होती तो किसान आंदोलन को मजबूर न होते । भाजपा के राज में ही दिल्ली के लाल किले पर कोई और ध्वज फहराने की हिम्मत और हिमाकत हुई । कितने इल्जाम आपके भी नाम हैं , ये क्यों भूल जाते हो ? ये सवालात किसे पेश करूं ?-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation हिजाब बनाम भगवा गमछा….एक काम कीजिये, सभी को नंगा कर दीजिए, जिससे कपड़े की ज़रूरत ही खत्म हो जाए चर्चा में : जाट काॅलेज हिसार…..