उमेश जोशी अगले वित्त वर्ष 2022-23 के सालाना बजट में कृषि, वित्त, दूरसंचार, ग्रामीण और शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण पर विशेष जोर दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल डिजिटल करेंसी जारी करेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित होगी। डिजिटल करेंसी को मजबूत करने के लिए ढांचा बढ़ाया जाएगा। इस बजट में कृषि क्षेत्र में डिजिजटल पर विशेष फोकस है। किसानों को डिजिटल सेवाएं दी जाएंगी और भारत में गरीबी मिटाने के लक्ष्य पर पुरजोर रूप से कार्य किया जाएगा। ड्रोन के जरिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। ‘इंडिया एट 100’ के लिए पीएम गति शक्ति योजना लागू की जाएगी। किसानों के खाते में न्यूनतम समर्थन मूल्य के जरिए 2.37 करोड़ रुपए सरकार ने भेजे हैं। आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। सरकार की ओर से रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए योजनाओं पर काम किया जा रहा है और गंगा किनारे बसे किसानों को मदद दी जाएगी। देश में पाँच बड़ी नदियों को जोड़ने के लिए जल संसाधन विकास मंत्रालय की मदद से कार्य किया जाएगा। वित्त मंत्री ने एलान किया है कि इस साल से देश में चिप लगे ई-पासपोर्ट मिलने लगेंगे। ई- पासपोर्ट के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा और वहां पर नई तकनीक आधारित पासपोर्ट सेवाएँ मुहैया कराने के लिए बजट आवंटन किया जाएगा। डाक घरों में भी अब ऑनलाइन ट्रांसफर हो सकेगा और डाकघर कोर बैंकिंग सेवा के तहत आएंगे। 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग की शुरुआत की जाएगी। इसी साल से डाकघरों में डिजिटल बैंकिंग पर कामकाज किया जाएगा। डाकघरों में एटीएम की सुविधा होगी। साल 2022 में 5जी सर्विस शुरू की जाएगी और गांवों में ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराने के लिए बुनियादी ढांचा किया जाएगा। दूरसंचार क्षेत्र में नौकरी के नए अवसर तलाशे जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े स्तर पर डिजिटलीकरण का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाई जाएंगी और स्कूलों में हर क्लास में टीवी लगाए जाएँगे। युवा शक्ति को स्किल इंडिया मिशन के जरिए और स्किल्ड वर्कर बनाने पर सरकारी योजनाओं के तहत काम किया जाएगा। लोगों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाए जा सकें, इसके लिए सरकारी परियोजनाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार की ओर से रक्षा में अनुसंधान या रिसर्च के लिए 25 फीसदी बजट आवंटन किया जाएगा। इस बजट में डिफेंस के लिए काफी ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि सीमाओं पर अतिरिक्त परिस्थितियां हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले सालों में 25 हजार किलोमीटर का हाईवे तैयार किया जाएगा। अगले तीन साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएँगी. देश में 60 लाख नई नौकरियों का प्रबंध किया जाएगा। सरकार के पास 30 लाख अतिरिक्त नौकरी देने की क्षमता है। सरकार 25 हजार किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले आए इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह बजट अमृत काल के अगले 25 सालों का ब्लू प्रिंट है। साल 2022-23 में 80 लाख नए घरों का निर्माण होगा और इसके तहत 48,000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी। नए घरों के लिए शहरी क्षेत्रों में ज्यादा राशि आवंटित की जाएगी और ग्रामीण इलाकों के लिए आधुनिक घरों का निर्माण किया जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक विकास दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार के प्रयासों का नतीजा देखने को मिल रहा है। वित्त मंत्री ने बताया कि सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए इस बजट मे 19,500 करोड़ रुपए का आवंटन बढ़ाया गया है और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। देश में सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनल आधारित बिजली प्रोजेक्ट लगाने पर जोर दिया जाएगा। इस बजट से करदाता निराश हैं क्योंकि आयकर दरों में कोई कटौती नहीं की गई हैं । उम्मीद की जा रही थी कि आय करों (स्लैब) में बदलाव कर करदाताओं को राहत मिलेगी। दूसरी ओर, सरकार ने सहकारिता कर घटाया है। साथ ही, उस पर सरचार्ज भी कम किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बताया कि पेंशन पर टैक्स में छूट दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि करदाताओं को पहले से ही पाँच लाख रुपए तक जीरो टैक्स की छूट मिली हुई है इसलिए उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। यदि वस्तुओं के दामों पर बजट का असर देखा जाए तो विदेश से आने वाली मशीनरी सस्ती होगी; खेती के उपकरण भी सस्ते होंगे। कपड़े और चमड़े का सामान सस्ता होगा। हीरों के जेवरात पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है और छातों पर आयात शुल्क 20 फीसदी बढ़ाया गया है। इस तरह हीरे के जेवर सस्ते होंगे और विदेश से आने वाले छातों के दाम बढ़ेंगे। सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी को बाजार से धन जुटाने की इजाज़त दी है। कंपनी अपना आईपीओ लेकर आएगी। उद्योग जगत ने इस बजट का स्वागत किया है इसलिए वित्त मंत्री के बजट भाषण पढ़ने के दौरान सेंसेक्स 1000 अंक उठ गया था। दूसरी ओर विपक्ष ने बजट को आम आदमी का बजट नहीं बताया। काँग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इस बजट को गीला पटाखा कहना गलत नहीं होगा। देश में महंगाई को लेकर इतना शोर है लेकिन इसको लेकर कोई बात नहीं कही गई। देश की सीमाओं पर इस समय स्थिति चिंताजनक है और डिफेंस सेक्टर के लिए क्या एलोकेशन है, इसको लेकर कोई साफ बात नहीं कही गई। मनरेगा के आवंटन का भी कोई ब्योरा नहीं है। ये बजट पूरी तरह निराशाजनक है। Post navigation पूंजीपतियों की तिजौरी भरने वाला काल्पनिक बजट, धरातल की वास्तविकता से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही : विद्रोही केंद्रीय बजट 2022, काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए किसानों से मोदी सरकार का बदला है