विपक्षी पार्टियां-नेता चुप रहने की बजाय अब मुखर हो सरकार को घेरे.

आरोप पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट, गलत हरकतें

आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स पर संगीन धाराएं लगा झूठे मुकदमे दर्ज किए

आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की दो टूक 2018 की घोषणा लागू करें

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। सरकार के इशारे पर पुलिस और जिला प्रशासन आंदोलन का दमन करके खत्म करवाना चाहती है। शनिवार को पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ  मारपीट की गई और गलत हरकते की गई। वर्कर्स व हैल्पर्स शांतिपूर्वक अपने घरों को जा रहे थे। जिनके साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की व जबरदस्ती पुलिस स्टेशन लेकर गए। यही नहीं संगीन धाराएं लगाकर झूठे मुकदमे भी दर्ज किए गए, यह  निंदनीय है। इसके खिलाफ जो भी संभव होगी, कार्यवाही की जायेगी।  संगठन नेताओं ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा की 55 दिन से प्रदेश की हजारों महिलाए सड़कों पर हैं। उनको नौकरी से बर्खास्त करने और झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। लेकिन इस पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टियों को चुप रहने की बजाय मुखर रूप से सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए। यह बात आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा(1442) की प्रदेश महासचिव शकुंतला, सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान ने हड़ताली कर्मियों को संबोधित करते हुए कही।

मानदेय दूसरे नही, पांचवें नंबर पर
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दावा कर रही है हरियाणा वर्कर व हेल्पर को मानदेय देने के मामले में दूसरे  नंबर पर है। जबकि सच्चाई यह है की दूसरे नही 5वें नंबर पर है।  पांडेचेरी में वर्कर व हैल्पर का मानदेय क्रमश 19480 व 13330, तेलंगाना में 13650 व 7800, तमिलनाडु में 13453 व 7720, केरल में 13000 व 8750 । यही नहीं पांडिचेरी व तमिलनाडु में वर्कर व हैल्पर को कर्मचारी का दर्जा मिला हुआ है।  इसी प्रकार वर्कर व हैल्पर को रिटायरमैंट लाभ प. बंगाल में 3 लाख रूपये, केरल में 1 लाख व 75000, कर्नाटक में भी यही, महाराष्ट्र, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में 1 लाख 50 हजार कईं सालों से मिल रहा है। राज्यों में आमदन के मामले में हरियाणा प्रतिव्यक्ति आय के हिसाब से देश में प्रथम स्थान पर है। जहां प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय औसत 1,27,768 रूपये है वहीं हरियाणा की प्रतिव्यक्ति आय 2,39,535 है।

केंद्र से लिया पैसा क्यो नहीं दे रहे
आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा (1442) की जिला प्रधान संतोष, जिला सचिव सरस्वती, राज्य कमेटी नेता सरला यादव, बबीता, रानी, कृष्णा, जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष उषा सरोहा, सीआईटीयू नेता एस एल प्रजापति, संयुक्त किसान मोर्चा संतोख सिंह ने कहा की हम केवल वही मांग रहे हैं जो 4 साल पहले सरकार घोषित कर चुकी है। माननीय प्रधानमंत्री ने सिंतबर 2018 में मानदेय में वर्करों के 1500 और हैल्परों का 750 रूपये की बढ़ौतरी दी थी। पिछले 4 साल से केंद्र सरकार से यह पैसा हरियाणा सरकार ले रही है, उसे वर्करों व हैल्परों को क्यों नहीं दे रही। राज्य के मुख्यमंत्री ने स्वयं 6 मार्च 2018 को विधानसभा में घोषणा की थी कि वर्करों को अर्धकुशल-अकुशल की श्रेणी का मानदेय मिलेगा व इसे महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाएगा। सरकार ने दो किस्त महंगाई भते की भी 2019 में जोेड़ी थी।

मोबाईल नहीं दे रहे आनलाईन काम का दबाव
अब राज्य सरकार इस निर्णय से पीछे हट रही है। हाल ही में सरकार ने कौशल विकास निगम के तहत ठेका कर्मचारियों की राज्य में तीन कैटेगरी बनाकर वेतन तय किए हैं जिसमें अर्धकुशल ठेका कर्मचारी का वेतन 15763-19272 रूपये व अकुशल कैटेगरी का 14330-17520 रूपये  है। दो साल से प्रत्येक वर्कर के हिसाब से 8000 रूपये केन्द्र सरकार से राज्य सरकार मोबाईल खरीदने के लिए लेकर बैठी है। यह राशि 20 करोड़ 8 लाख रूपये बनती है। सरकार मोबाईल नहीं दे रही और वर्करों से आनलाईन काम का दबाव बना रही है। सरकार को इस बारे जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्वंय 29 दिसंबर 2021 को यूनियनों के साथ बातचीत में वायदा किया था कि आंगनवाड़ी वर्करों व हैल्परों को आशा वर्कर्स की तर्ज पर 3 लाख रूपये एक्सग्रेशिया दिया जाएगा, जो नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार आन्दोलन को खत्म करने के लिए वर्करों व हैल्परों कोे सेवा से बर्खास्त कर रही है, मुकदमें दर्ज कर रही है। यह सरकार की बौखलाहट को ही दर्शाता है। इस प्रकार की कार्यवाही से आन्दोलन कमजोर होने की बजाय और ज्यादा मजबूत होगा। प्रदर्शन को दान सिंह तंवर, यूटीयूसी के बलवान सिंह, आप की नेता सारिका वर्मा, कांग्रेस पार्टी के राव वर्धन ने भी संबोधित किया।

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