गुरुग्राम 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्यातिथि पधारे परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा जी उनके साथ शहर की प्रथम नागरिक श्रीमती मधु आज़ाद (मेयर ) भाजपा जिलाध्यक्षया गार्गी कक्कड़ के साथ पटौदी विधायक सत्यप्रकाश जरावता व डीसी साहब सहित तमाम सरकारी अमला मौजूद रहा मगर गुरुग्राम विधायक कहीं नजर नहीं आ रहे थे , प्रोटोकॉल के तहत उनकी उपस्थिति अनिवार्य रूप से होनी चाहिए फिर क्या उन्हें बुलावा नहीं भेजा गया या जानबूझकर प्रोटोकॉल तोड़ा गया ?

माना कि कोरोना के कारण संख्या कम रखी गई होगी जिसकारण नहीं आमंत्रित किया गया होगा मगर अपने आप को डिजिटल युग वाली सरकार कहने वाले क्या उन्हें ऑनलाइन भी नहीं जोड़ पाए – वर्चुअल जोड़ लेते परन्तु लगता है कि नियत ही नहीं होगी गुरुग्राम के जनप्रतिनिधि को शामिल करने की ?

अब संभवतःउनकी तबीयत खराब बता दी जाएगी मगर व्यक्ति बीमार भले ही हो देशहित कार्य में शामिल होना जरूर पसंद करता है इसलिए यह तर्क भी मायने नहीं रखेगा ।

अब आमजन को लगता है कि उनकी अधिकारी नहीं सुनते हैं यह बात बार-बार कहने की सजा दी जा रही है उन्हें ।
विधायक को लगने लगा था कि विशेषाधिकार समन्वय समिति का चेयरमैन बनने के बाद कुछ सुनने लगेंगे अधिकारी मगर लगता है उन्हें उनकी हैसियत याद दिला दी सरकार एवं अधिकारियों ने मिलकर जो ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भी उन्हें याद नहीं किया गया !

खैर अकेले वही नहीं पार्टी के अन्य ओहदेदारों की अनुपस्थिति भी अखर रही थी लोगों को जीएल शर्मा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष होने उपरांत भी निमंत्रण नहीं दिया गया शायद उन्हें क्योंकि वह भी नदारद थे , वास्तविकता में चल क्या रहा है गुरुग्राम में , क्यों की जा रही है ऐसी अंदेखियाँ और क्या इन्हीं के होने से ही कोरोना फैल जाता है , फिर तो इन्हें गुरुग्राम में ही नहीं रहना चाहिए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ?

23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर कोई कसर तो नहीं छोड़ी थी भाजपाईयों ने तब कोविड कहाँ गया था और उस अवसर पर आईएनए के जीवित सदस्यों को सम्मानित करने की बातें हुईं , घर घर जाकर सम्मानित करेंगे भाषणों में कहा गया , लेकिन उसके बाद जब प्रशासनिक अधिकारी जा रहे थे तो क्या किसी भी भाजपाई ने शामिल होना जरूरी नहीं समझा , क्या यह नहीं दर्शाता है कि उस कार्यक्रम को भी एक इवेंट बनाकर इस्तेमाल किया भाजपा ने ?

बकौल तरविंदर सैनी ( माईकल ) आम आदमी पार्टी नेता गुरुग्राम अभी कल ही गुरुग्राम जिले से आज़ाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री सुमर्ता सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती जी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया गाँव लाला खेड़ली में प्रशासन की ओर से गिरदावर को भेज राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया परन्तु एक भी भाजपाई नहीं पहुंचा क्या कारण रहा भाई ?

सारी बातों का लब्बोलुआब यह है कि भाजपा किसी को सम्मान देना जानती ही नहीं और स्थानीय नेतृत्व ने अपनी महत्ता को ना जाने किन निजी लाभों के चलते गिरवी रख दिया हैं और या फिर इन्हें अपनी शक्तियों का ज्ञान ही नहीं !
अब लगातार बरती जा रही ऐसी अनदेखियों को देखकर तो यही लगता है कि दिए तले अंधेरा हो रहा है और घोर उपेक्षा के साथ अंधेरगर्दी चरम पर है ।

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