हरियाणा वासी आज जयहिंद बोल नेताजी को श्रद्धांजलि देंगे: नवीन गोयल

पर्यावरण सरंक्षण विभाग प्रदेश में 50 स्थानों पर करेगा कार्यक्रम आयोजित
-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में किया जा रहा है आयोजन
-एक स्थान पर 75 लोगों के एकत्रित होने की है अनुमति

गुरुग्राम। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेशभर में कार्यकर्ताओं द्वारा रविवार को जयहिंद बोलकर उन्हें नमन किया जाएगा। इसी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा की ओर से भी प्रदेशभर में 50 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। एक जगह पर केवल 75 लोग एकत्रित होंगे। यह जानकारी पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने दी।  

नवीन गोयल ने बताया कि आजाद के 75वें वर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। पूरे हरियाणा में 7500 स्थानों पर 75 सदस्यों द्वारा एकत्रित होकर जयहिंद का नारा लगाया जाएगा। साथ ही नेताजी को पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी जाएगी। प्रदेशभर में पर्यावरण संरक्षण विभाग की ओर से 50 स्थानों व गुरुग्राम में 4 स्थानों पर जयहिंद का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ इस राज्य स्तरीय आयोजन की अगुवाई कर रहे हैं।

नवीन गोयल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भारत की आजादी में अहम योगदान है। उन्होंने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर देश के लोगों में नई चेतना जागृत की थी। उनकी एक आवाज पर देश के लाखों लोग देश पर कुर्बान होने को तैयार थे। जनवरी 1942 में उन्होंने रेडियो बर्लिन से अपने संदेश देना शुरू किया तो भारत के लोगों में उत्साह बढ़ा। वर्ष 1943 में वे जर्मनी से सिंगापुर आए। उन्होंने इसके बाद आजाद हिंद फौज का गठन किया और देशवासियों को नारा दिया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। इसके बाद से ही सुभाष चंद्र बोस को नेताजी कहा जाना लगा।

नवीन गोयल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस दुनिया का अस्तित्व रहने तक हम सबके प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उन्होंने देश को आजाद कराने में जो भूमिका निभाई, वह अमिट है। उनका देश के सम्मान को बढ़ाने में अहम योगदान है। ऐसे नेताजी के जीवन से हमेें अपनी भावी पीढिय़ों को शिक्षा और संदेश देना चाहिए। देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराना जरूरी है। जिन महापुरुषों की बदौलत हम सब आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं, उनका योगदान समय-समय पर अपने बच्चों को याद दिलाएं, ताकि उनके जहन में उन महापुरुषों की अमिट छवि बनी रहे। 

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