-कमलेश भारतीय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बाड्रा ने नारा दिया -मैं लड़की हूं , लड़ सकती हूं और इस नारे के साथ यह भी वादा किया कि 40 प्रतिशत सीटें महिलाओं को दी जायेंगी लेकिन जिसे पोस्टर गर्ल बनाया उसे ही टिकट देना भूल गयीं और वह पोस्टर गर्ल भाजपा में जाकर शामिल हो गयीं यानी प्रियंका मौर्य । इसी प्रकार भाजपा में शामिल होने वालों में अखिलेश यादव की भाभी अपर्णा यादव और मौसा जी भी शामिल हैं । रोज़ नयी से नयी सूची आ रही है दलबदल की । जैसे पंजाब में मोगा से सोनू सूद की बहन मालविका को कांग्रेस ने टिकट दिया तो मौजूदा विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़कर चलते बने । ऐसे समीकरण आम बात हो गये हैं राजनीति में । उत्तराखंड में तो महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ही छोड़कर चली गयीं क्योंकि जहां से टिकट मांगा , वहां से नहीं दिया । ऐसे ही पंजाब में नवांशहर से अभी तक अंगद सिंह सैनी को टिकट न मिलने से उत्तर प्रदेश की कांग्रेस विधायक अंगद सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ने में देरी नहीं की । ये रिश्ते भी अजीब हैं और दलबदल इन रिश्तों को बढ़ावा देती है । अखिलेश यादव और भगवंत मान पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं । अभी तक भगवंत मान पंजाब से आप पार्टी के सांसद हैं लेकिन सीएम चेहरा घोषित कर दिया अरविंद केजरीवाल ने इनको तो चुनाव लड़ने उतरेंगे धूरी से । सीएम चेहरे के लिए भी काफी दवाब बनाया । भगवंत मान की बहन ने कहा कि भाई पहले हास्य व्यंग्य में सरकारी नीतियों पर चोट करते थे । अब सीधे राजनीति में आकर अपनी बात कहने लगे हैं । दूसरी ओर कांग्रेस के मुख्यमंत्री चन्नी भी आम आदमी का चेहरा होने का दम भर रहे हैं । अब यह तो आम आदमी ने सोचना और फैसला करना है कि कौन सचमुच आम आदमी जैसा लगता है । राजनीति भी दिन प्रतिदिन इतने चेहरे दिखाती है , रंग बदलती है कि गिरगिट भी लजा जाता है । इधर किसान मोर्चे के नेता चढूनी को लगता है कि सत्ता की चाबी इनके हाथ आएगी जैसे हरियाणा में जजपा के हाथ लग गयी थी पर ऐसा होने की उम्मीद कम ही है क्योंकि पंजाब में सीधी लड़ाई कांग्रेस , आप और अकाली दल में होने जा रही है जबकि अमरेंद्र सिंह ने भाजपा से समझौता कर सहानुभूति खो दी है ।–पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation साहित्यिक पत्रकारिता : कल , आज और कल लघुकथा…..समाजसेवा