मुख्यमंत्री खट्टर से लेकरे निचले स्तर तक कोई भी फैसला, योजना जमीन की वास्तविकता के अनुसार न होकर सत्ता की कुर्सी पर बैठेे नेताओं व अफसरों की सत्ता हनक के अनुसार लेने की एक अघोषित परम्परा बन गई है

रेवाडी ,16 जनवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन के रेवाडी सरकुलर रोड़ को वन-वे ट्रैफिक करने का तुगलकी फरमान औंधे मुंह गिरने पर वापिस लेने के बाद अब प्रशासन ने रेवाड़ी मेें वाहन पार्किंग के छह स्थान चिन्हित करके वाहन पार्किंग की व्यवस्था करने की वह शुरूआत की है जो उसे पहले ही करनी चाहिए थी। विद्रोही ने कहा कि इसमें रेवाडी प्रशासन का कसूर नही क्योंकि भाजपा-संघी राज के कर्ताधर्ताओं को जब बिना कूट-पिटे कोई बात समझ में नही आती, तब ऐसे अहंकारीे सत्ताधारियों के प्रशासन को भी जमीन में औंधे मुंह गिरे बिना अकल कैसे आ सकती है? हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर से लेकरे निचले स्तर तक कोई भी फैसला, योजना जमीन की वास्तविकता के अनुसार न होकर सत्ता की कुर्सी पर बैठेे नेताओं व अफसरों की सत्ता हनक के अनुसार लेने की एक अघोषित परम्परा बन गई है और आमजन विगत छह सालों से उस हनक का लगातार शिकार होने को मजबूर है।

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह शिक्षा अधिकार के नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिलने का मामला भाजपा खट्टर सरकार, निजी स्कूल संचालकों, शिक्षा विभाग की आपसी मिलीभगत से नूरा-कुश्ती में फंसा हुआ है। बच्चों को 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिला दिलवाने के नाम पर तीनों स्टेक होल्डर प्रवेश को फुटबाल समझकर मनमानीे किक मारमर बच्चों व अभिभावकों को इस भंयकर सर्दी में सडकों पर लडने को मजबूर किये हुए है लेकिन समस्या का समाधान नही कर रहे है। इसी आपसी नूरा-कुश्ती के चलते बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नही जबकि वर्ष 2021-22 का शिक्षा सत्र समाप्त होने में मात्र दो माह ही बचे है और बच्चों अभी भी प्रवेश के लिए भटक रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह बिना सोचे-समझे व निजी उद्योगपतियों, निजी संस्थानों को विश्वास में लिए बिना भाजपा-जजपा सरकार ने निजी संस्थानों में 30 हजार रूपये मासिक वेतन के पदों की नौकरियों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं के लिए 15 जनवरी 2022 से आरक्षित करने का कानून तो लागू कर दिया लेकिन यह कानन लागू कैसे होगा, इस पर अभी तक गंभीरतर से न तो होमवर्क किया और न ही इसे लागू करने की प्रभावी व्यवस्था की। वैसे भी यह मामला पंजाब-हरियाण हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अभी तक यह भी नही पता कि निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं के लिए आरक्षित करने का भाजपा-जजपा खट्टर सरकार का जल्दबाजी में बनाया गया यह कानून ..

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