शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ करनी शुरु कर दी है कार्यवाही

गुडग़ांव, 14 जनवरी (अशोक): नियम 134ए के तहत पात्र छात्रों को निजी स्कूल कोई न कोई बहाना बनाकर दाखिले नहीं दे रहे हैं। हालांकि दाखिलों की समयसीमा प्रदेश सरकार 3 बार बढ़ा भी चुकी है। सरकार का शिक्षा विभाग भी निजी स्कूल संचालकों से इन पात्र छात्रों को दाखिला दिलाने में सफल नहीं हो सका है। हालांकि अब शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों द्वारा आदेशों की अवहेलना करने पर निजी स्कूल संचालकों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। पात्र छात्रों को दाखिला न देने वाले स्कूलों की न केवल मान्यता रद्द की जा सकती है, अपितु छात्रों के धरने प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति का नुकसान होने पर इसकी भरपाई निजी स्कूल प्रबंधनों से भी की जा सकेगी।

गौरतलब है कि इस नियम के तहत प्रावधान है कि निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर 2 लाख रुपए से कम आय वाले निर्धन वर्ग के बच्चों
को निशुल्क दाखिले दिए जाएंगे और उनकी फीस की भरपाई प्रदेश सरकार करेगी। निजी स्कूल प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली फीस को बहुत कम बताते रहे हैं तो पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने उनके शुल्क में 200 रुपए प्रति छात्र की वृद्धि भी कर दी है, लेकिन फिर भी ये निजी स्कूल संचालक छात्रों को दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं। बताया जाता है कि प्रदेश में 41 हजार 680 छात्रों ने दाखिले के लिए परीक्षा पास की थी। इनमें से अभी तक करीब 13 हजार बच्चों को ही दाखिला मिल पाया है। अभिभावक सरकारी कार्यालयों व निजी स्कूल प्रबंधन के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गए हैं, लेकिन उनके बच्चों के दाखिले होते नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग भी की है कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

error: Content is protected !!