उच्च न्यायालय ने अभिभावकों की याचिका को भी जोड़ दिया है निजी स्कूलों की याचिका से, अगली सुनवाई 28 फरवरी को

गुडग़ांव, 11 जनवरी (अशोक): नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में पात्र छात्रों को निजी स्कूल संचालक अभी भी दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं। इन छात्रों के अभिभावक व परिजन छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए जिला प्रशासन व निजी स्कूलों के चक्कर काटते-काटते परेशाान हो गए हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक कर उन्हें आदेश भी दिए हैं कि वे पात्र छात्रों को दाखिला अवश्य दें। अन्यथा उनके विरुद्ध शिक्षा विभाग को लिख दिया जाएगा, ताकि शिक्षा विभाग उनके खिलाफ कार्यवाही कर सके।

गुडग़ांव के एक अभिभावक की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख निश्चित कर दी है। गुडग़ांव के अधिवक्ता दिनेश कुमार डकोरिया व कुलभूषण भारद्वाज का कहना है कि हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस की ओर से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हुई है। इस याचिका पर आगामी 28 फरवरी को सुनवाई होनी है।

जिले में प्रोग्रेसिव स्कूल के तहत 66 स्कूल हैं। इन स्कूल संचालकों का कहना है कि उनकी याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है, जब तक न्यायालय याचिका पर कोई निर्णय नहीं ले लेता, तब तक वे इन छात्रों को दाखिला नहीं देंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि अब न्यायालय ने दोनों याचिकाओं को एक साथ जोड़ दिया है और इन पर आगामी 28 फरवरी को ही सुनवाई होनी है। उधर अभिभावको का कहना है कि निजी स्कूल सचालक स्वयं को सरकार से ऊपर मानते हैं। तभी तो वे सरकार के आदेशों का पालन कर छात्रों के अभिभावकों को परेशान करने में जुटे हैं। निजी स्कूल संचालक आरोप लगाते रहे हैं कि प्रदेश सरकार छात्रों की शिक्षा पर होने वाले खर्च पर पर्याप्त राशि नहीं दे रही है। फिर वे इन छात्रों को अपने यहां कैसे शिक्षा दे सकते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की फीस में 200 रुपए की वृद्धि की है, लेकिन स्कूल संचालक इसको बहुत ही कम बता रहे हैं।

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