एचएयू के इंदिरा गांधी सभागार में 23 दिसंबर को राज्यपाल करेंगे सम्मानित
गुरमैल सिंह

हिसार : 22 दिसंबर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की 119वीं जयंती के उपलक्ष्य में किसान दिवस का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय जी बतौर मुख्यातिथि इंदिरा गांधी सभागार में शिरकत करेंगे और इस दौरान यमुनानगर के गांव तलाकौर के किसान गुरमैल सिंह पुत्र जसवंत सिंह को किसान रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की 19 प्रगतिशील महिला किसानों को भी सम्मातिन किया जाएगा। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि इस दौरान कृषि क्षेत्र और उससे संबंधित विभिन्न व्यवसायों व अन्य उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदेश की 19 प्रगतिशील महिला किसानों का चयन किया गया है जिन्हें किसान दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित किया जाएगा।

ये 19 प्रगतिशील महिला किसान होंगी सम्मानित
कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि रोहतक जिले के गांव इस्माइला से कमलेश पत्नी रामजीवन, भिवानी जिले के गांव गोपालवास से मुकेश पत्नी मंदीप, पानीपत के बाल जाटान से ममता पत्नी प्रवीण, यमुनानगर के अलखगढ़ से नीरजा चौहान पत्नी राहुल चौहान, अंबाला के नंगल राजपुताना से मीणा कुमारी पत्नी सुरेश कुमार, बावल के किशनपुर से मनीषा पत्नी लालचंद, फतेहाबाद के बंदोरी से सरला पत्नी पृथ्वी सिंह, यमुनानगर के अलखगढ़ से रेखा पत्नी सुखबीर सिंह, सिरसा के अरनियांवाली से सुनीता पत्नी कृष्ण कुमार, महेंद्रगढ़ के बुदीन से उर्मिला पत्नी राज कुमार, कैथल के कालाशर से पूजा आर्य पत्नी राजेश, फरीदाबाद के बड़ोली से सरोज पत्नी दक्ष कुमार, झज्जर के ढाकला से पिंकी पत्नी सुखबीर सिंह, करनाल के कंबोपुर से कविता पत्नी कर्मबीर, कुरूक्षेत्र के भौर सायंदा से कमरजीत कौर पत्नी हरपाल सिंह, सोनीपत के खन्ना कॉलोनी से सुनीता आहुजा पत्नी राकेश कुमार, जींद के निडाना से कमलेश पत्नी जोगिंद्र सिंह, पलवल के हथीन से सुनीता रानी पत्नी रामजीत और हिसार के आदमपुर से परमेश्वरी पत्नी रायसाहब को सम्मानित किया जाएगा।

इन क्षेत्रों में किया है महत्वपूर्ण कार्य
इन प्रगतिशील महिला किसानों ने कृषि में विविधिकरण, पशुपालन व उत्पाद मूल्य संवर्ध, कस्टम हायरिंग सेंटर, फसल उत्पादन, फल एवं सब्जी परीरक्षण, आचार उत्पादन एवं बाजरा उत्पादन, फसल विविधिकरण, जल संरक्षण, स्वयं सहायता समूह एवं महिला सशक्तिकरण, सब्जी की संरक्षित खेती, स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए मुख्य प्रशिक्षक, वस्त्र सज्जा एवं बिक्री केंद्र, मशरूम उत्पादन, मशरूम एवं स्पॉन उत्पादन, फल एवं सब्जी मूल्य संवर्धन, जैविक नियंत्रण द्वारा समन्वित किट प्रबंधन, पशुपालन एवं किचन गार्डनिंग आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।

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