-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की हुई बैठक, जल्द खटखटाएंगे हाई कोर्ट का दरवाजा
– नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला से मना कर रहे निजी स्कूल

भिवानी, 20 दिसंबर। हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय द्वारा नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को अलाट किए गए निजी विद्यालयों में कुछ निजी स्कूल दाखिला देने से साफ इंकार कर रहे हैं। ऐसे निजी विद्यालयों की अब खैर नहीं, क्योंकि उनकी सूची संगठन तैयार की जा रही है, जिसको लेकर संगठन जल्द ही पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। यह बात स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने संगठन कार्यालय में सोमवार को हुई बैठक में कही।

उन्होंने कहा कि संगठन के समक्ष काफी शिकायतें आ रही हैं, जिसमें गरीब बच्चों को अलाट हुए निजी विद्यालयों में दाखिला देने से इंकार किया जा रहा है। ऐसे निजी विद्यालयों के खिलाफ माननीय हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना व बच्चों के मौलिक शिक्षा के अधिकार का हनन को लेकर जल्द ही कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी और शिक्षा निदेशालय से भी उनकी मान्यता रद्द किए जाने संबंधी मांग रख शिकंजा कसा जाएगा। बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि स्कूली शिक्षा निदेशालय ने नियम 134ए के तहत दाखिलों को लेकर निदेशालय स्तर पर ही विद्यालयों को अलाट किया है। जिन गरीब बच्चों को स्कूल अलाट किए गए हैं, उनकी सूची भी वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन फिर भी निजी स्कूल अभिभावकों को दाखिला नहीं देकर बेवजह के दस्तावेज लाने व उन्हें दाखिला नहीं देने की बात कहकर मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। ऐसे अभिभावकों की लिखित शिकायतें भी संगठन के समक्ष आई हैं, जिनको लेकर संगठन जल्द ही उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर जाएगा और उन अभिभावकों के बच्चों को उनके मौलिक शिक्षा के अधिकार को दिलाया जाएगा। ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ उनकी मान्यता रद्द किए जाने और कानूनी कार्रवाई की भी मांग उठाई जाएगी। क्योंकि नियम 134ए के तहत कोई भी निजी स्कूल बच्चों को दाखिला देने से इंकार नहीं कर सकता है।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया हुआ है कि हरियाणा सरकार निजी स्कूलों को राशि का भुगतान करे या न करें, मगर किसी भी गरीब बच्चे को कोई भी निजी स्कूल फंड नहीं मिलने पर दाखिला देने से इंकार नहीं कर सकता। ऐसे निजी विद्यालयों के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला भी बनेगा। जबकि हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के आदेशों की भी अवहेलना होगी। बैठक में अनिल कुमार, किशनलाल, जितेंद्र कुमार, अनिल, इंद्रपाल नंबरदार, विजय कुमार, राजेश कुमार, सुरेंद्र अग्रवाल, कांशीराम सहित अनेक अभिभावक भी मौजूद थे।