ऊर्जा संरक्षण में युवाओं का योगदान आवश्यक- प्रो. टंकेश्वर कुमार

-राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर कुलपति ने शोध-अनुसंधान के लिए प्रेरित

महेंद्रगढ़ सुरेश पंचोली

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अंतविषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान पीठ एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार में गुरू गोविंद सिंह विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पर्यावरण प्रबंधन पीठ के आचार्य प्रो. एन.सी. गुप्ता व टेरी स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज के डॉ. गोपाल सारंगी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।

आजादी के अमृत महोत्सव एवं विज्ञान प्रभा के तहत आयोजित इस वेबिनार को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि हमारे देश के बजट का बहुत बड़ा हिस्सा ऊर्जा उत्पन्न एवं आबंटन पर खर्च हो जाता है। उन्होंने युवाओं से इस क्षेत्र में शोध व अनुसंधान करने का आह्वान किया और ऊर्जा संरक्षण में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय स्तर पर ऊर्जा संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा द्वारा बिजली उत्पादन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के विकास के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण के उपाय प्रमुख हैं। प्रो. एन.सी. गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि मानवीय विकास की अंधाधुंध दौड़ से जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर विस्तृत प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में बिना मौसम बारिश का होना, चक्रवात व सुनामी आदि जैसी प्राकृतिक आपदाएं पर्यावरण को हानि पहुँचाने वाले मानवीय क्रियाकलापों की देन हैं। उन्होंने सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करने तथा जीवाश्म ईंधन की कम से कम खपत पर भी ध्यान आकृष्ट किया। प्रो. गुप्ता ने जलवायु परिवर्तन से मानवीय स्वास्थ्य पर हो रहे प्रतिकूल प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। इसी कड़ी में वेबिनार के दूसरे वक्ता डॉ. गोपाल सारंगी ने कहा कि क्योंकि ऊर्जा किसी भी देश के विकास की रीढ़ की हड्डी होती है इसलिए पर्यावरणीय नीति में ऊर्जा संरक्षण को मुख्य स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के विचार को पर्यावरण तथा सामाजिक विकास की प्रक्रिया से जोड़ने पर जोर दिया। डॉ. सारंगी ने ऊर्जा संरक्षण को देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए जरूरी कारक बताया।

कार्यक्रम अंतविषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान पीठ की अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान ने कुलपति सहित अतिथि वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का पर्यावरण अध्ययन विभाग ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव अभियान की नोडल ऑफिसर व कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा ने विश्वविद्यालय स्तर पर ऊर्जा संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में विभाग के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मंच का संचालन सहायक आचार्य सुश्री मनीषा भाटी ने किया।

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