चंडीगढ़, 30 नवंबर को हरियाणा के मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हो गए। श्री विजय वर्धन ने 30 सितंबर, 2020 को हरियाणा के 34 वें मुख्य सचिव के रूप में पद ग्रहण किया था। इसके अलावा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग तथा खान एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम भी सेवानिवृत हो गए।

सायं 5 बजे श्री वर्धन और श्री निगम को हरियाणा आईएएस एसोसिएशन द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। सेवानिवृति समारोह में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, निदेशक व अन्य कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

सेवानिवृति समारोह में हरियाणा के नवनियुक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने श्री वर्धन की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री वर्धन एक बेहतरीन अधिकारी रहे। उन्होंने हमेशा टीम को साथ लेकर कार्य किया है। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके जीवन में कई उतार- चढ़ाव आये, परंतु उन्होंने सदैव मुस्कुराकर जीवन के हर पहलू को जिया। श्री कौशल ने प्रशासनिक अधिकारी के अलावा श्री विजय वर्धन के साथ व्यक्तिगत संबंधों के अनुभवों को भी साझा किया।

उन्होंने श्री निगम के बारे में कहा कि वे मनोहर स्वभाव के व्यक्ति हैं, परंतु वे प्रशासनिक व्यवस्था के छोटे से छोटे पहलू को भी बड़ी गहराई से समझते थे और यही खासियत उन्हें एक काबिल प्रशासनिक अधिकारी बनाती है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर ने कहा कि श्री विजय वर्धन बहुत ही सरल व्यक्तित्व की धनी हैं। उनकी प्रशासनिक क्षमता बेजोड़ रही है। उन्होंने कहा कि श्री आलोक निगम का व्यक्तित्व भी एक अलग छाप छोड़ने वाला है। वे कम शब्दों में कार्य को अंजाम देने वाले अधिकारी रहे हैं। मुझे खुशी है कि आपके साथ काम करने का मौका मिला।

इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्री विजय वर्धन और श्री आलोक निगम के सरल एवं सौम्य स्वभाव तथा प्रशासनिक कार्यशैली के बारे में अपने अनुभव सांझा किये।

इस मौके पर श्री विजय वर्धन के मित्र, प्रसिद्ध संगीतकार, लेखक व गायक पदमजीत सहरावत ने ”शहर लखनऊ- सन् 1985, 24 साल की आयु थी, सपनों को पंख लगाने की हसरत थी… एक लखनवी को हरियाणवी बनने की जिद्द थी” कविता के माध्यम से श्री विजय वर्धन के व्यक्तित्व को बयाँ किया।

उल्लेखनीय है कि श्री विजय वर्धन ने मुख्य सचिव के पद पर आसीन होने से पहले राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त तथा गृह, जेल, आपराधिक जांच और न्याय-प्रशासन विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी।

एक सरकारी अधिकारी होने के साथ-साथ श्री विजय वर्धन बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने एक इतिहासकार के रूप में अब तक सात पुस्तकें लिखी हैं। 

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