कुलपति बोले उल्लेखनीय परिणामों को प्राप्त करने में मददगार है यह थ्योरी महेंद्रगढ़, सुरेश पंचोली हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ में अंतरविषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान पीठ व औषध विज्ञान विभाग द्वारा गुरूवार 25 नवंबर 2021 को ड्रग-रिसेप्टर थ्योरी विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए दवाओं और उनके रिसेप्टर्स पर गहन शोध की आवश्यकता पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा कि दवा खोज की प्रक्रिया के क्षेत्र में कार्यरत शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए विशेष रूप से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन अनवरत जारी रहना चाहिए। जिससे कि उल्लेखनीय परिणामों को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग द्वारा की गई इस शुरूआत की सराहना की। विभाग में विज्ञान प्रभा व्याख्यान श्रृंखला के तहत इस कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित शिक्षाविद और शोधकर्ता डॉ. देविंदर अरोड़ा विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के अंतरविषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान पीठ व शोध अधिष्ठाता तथा विज्ञान प्रभा व्याख्यान श्रृंखला की अध्यक्ष प्रो नीलम सांगवान ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रो. सांगवान ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जिससे प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के विचार जानने का अवसर मिल सके। कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉ. देविंदर अरोड़ा ने ड्रग रिसेप्टर इंटरेक्शन, ड्रग ऑक्यूपेंसी और ड्रग पोटेंसी में शामिल बुनियादी गणना की समझ पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह से यह प्रक्रिया कार्य करती है और इसके बेहतर क्रियान्वयन से अधिकतम लाभ को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर विशेषज्ञ ने प्रतिभागियों की ओर से प्रस्तुत विभिन्न शंकाओं का निदान भी किया। औषध विज्ञान विभाग के प्रमुख एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि ड्रग रिसेप्टर थ्योरी ड्रग एक्शन का आधार है और ड्रग रिसर्च प्रक्रिया में निहित है। उन्होंने बताया कि इस वर्जुअल कार्यशाला में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के शोधार्थियों और संकाय सदस्यों सहित देश के विभिन्न संस्थानों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और ड्रग रिसेप्टर सिद्धांत के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। औषध विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य व कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. अशोक जांगड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डॉ. पवन मौर्य, डॉ. अंतरेश कुमार, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. मारुति मलूका, डॉ. दिनेश ढींगरा, डॉ. जितेंद्र कुमार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। Post navigation डुलाना रोड पर नदी का पानी रोड पर आने से लोग परेशान बुलेरो गाड़ी ने पूरे परिवार को रौंदा, तीन की मौत, दो घायल