गुरुग्राम, 25 नवंबर – एसजीटी विश्वविद्यालय के एसजीटी मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल ऑडिटोरियम में कोर कमेटी मीटिंग व एसटीएफ मीटिंग का आयोजन किया गया| इस मीटिंग का आयोजन पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के द्वारा किया गया था| इसका उद्देश्य ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी(डीआरटीबी) व बड़ी टीबी के बारे में जागरूक करना था| इस मीटिंग के दौरान एसटीएफ के चेयरमैन डॉ जयकिशन, स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ राजेश राजू, डब्ल्यूएचओ कन्सल्टेंट डॉ सुखवंत, फैकल्टी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के डीन प्रोफेसर संसार शर्मा, डिपार्टमेंट के हेड डॉ डीपी सिंह सूदन, सोशल रिस्पांसिबिलिटीज के कोऑर्डिनेटर शह्दाब, प्रोफेसर डॉ केबी गुप्ता व नोडल अधिकारी डॉ मोहित भारद्वाज के साथ फॅकल्टी के सदस्य, पीजी व यूजी के विद्यार्थी व कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे| इस मीटिंग के दौरान टीबी की रोकथाम व एसजीटी हॉस्पिटल में हरियाणा सरकार के सहयोग से डीआरटीबी लैब का निर्माण करवाने हेतु जानकारी देना जिससे कोई भी मरीज पीवीसी, एक्स-रे व ईसीजी बहुत की कम दामों में करवा सकेगा, के बारे में जानकारी दी गई। डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ सुखवंत ने मीटिंग के दौरान कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) भारत सरकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है जो अपने तपेदिक विरोधी प्रयासों का आयोजन करती है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के एक प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है और देश में तपेदिक विरोधी गतिविधियों के लिए तकनीकी और प्रबंधकीय नेतृत्व प्रदान करता है। Post navigation 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक वर्ष पूरा होने पर धरने पर होगी सभा ज्यादा प्रदूषण वाले स्थानों पर एयर प्यूरीफायर किए इंस्टॉल