एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाए सरकार-चौधरी संतोख सिंह।

गुरुग्राम, 24 नवंबर 2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि आज धरना स्थल पर दीनबंधु चौधरी छोटूराम की जयंती मनाई गई।उन्होंने बताया कि सभी ने दीनबंधु छोटूराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके उनको नमन किया तथा दीनबंधु छोटूराम अमर रहे के नारे लगाए।उन्होने कहा की दीनबंधु चौधरी छोटूराम ने किसान मज़दूर और ग़रीब आदमियों को कर्ज़ से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उनके प्रयासों से कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम 1938 बना।यह अधिनियम 5 मई 1939 से प्रभावी माना गया। इसके तहत नोटिफाइड एरिया में मार्किट कमेटियों का गठन किया गया। एक कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को अपनी फसल का मूल्य एक रुपये में से 60 पैसे ही मिल पाता था। अनेक कटौतियों का सामना किसानों को करना पड़ता था। आढ़त, तुलाई, रोलाई, मुनीमी, पल्लेदारी और कितनी ही कटौतियां होती थीं। इस अधिनियम के तहत किसानों को उसकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने का नियम बना।

उनके प्रयासों से साहूकार पंजीकरण अधिनियम 1938 बना।यह कानून 2 सितंबर 1938 को प्रभावी हुआ था। इसके अनुसार कोई भी साहूकार बिना पंजीकरण के किसी को कर्ज़ नहीं दे पाएगा और न ही किसानों पर अदालत में मुकदमा कर पायेगा। इस अधिनियम के कारण साहूकारों की एक फौज पर अंकुश लग गया।

उनके प्रयासों से गिरवी ज़मीनों की मुफ़्त वापसी अधिनियम 1938 बना।यह कानून 9 सितंबर 1938 को प्रभावी हुआ। इस अधिनियम के जरिए जो जमीनें 8 जून 1901 के बाद कुर्की से बेची हुई थी तथा 37 सालों से गिरवी चली आ रही थीं, वो सारी जमीनें किसानों को वापिस दिलवाई गईं। इस कानून के तहत केवल एक सादे कागज पर जिलाधीश को प्रार्थना-पत्र देना होता था। इस कानून में अगर मूलराशि का दोगुणा धन साहूकार प्राप्‍त कर चुका है तो किसान को जमीन का पूर्ण स्वामित्व दिये जाने का प्रावधान किया गया।

उन्होंने कहा कि किसानों की वर्षों पुरानी माँग है कि एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाएँ ताकि पूरे देश के किसानों को लाभ मिल सके।

आज धरने पर शामिल होने वालों में फ़ूल कुमार,अनिल पंवार,पंजाब सिंह,बलवान सिंह दहिया,जयप्रकाश रेढू,सतीश मराठा,योगेश्वर दहिया,ब्रहम प्रकाश राठी,तारीफ़ सिंह गुलिया,नवनीत रोज़ खेड़ा,अमित पवार,तनवीर अहमद,मनीष मक्कड,तेजपाल यादव, हरि सिंह चौहान,सूबे सिंह यादव एडवोकेट,राजबीर कटारिया,आकाशदीप,मनोज झाड़सा,रणजेय सिंह तथा अन्य व्यक्ति शामिल थे।

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