जमींन की खरीद-फरोख्त को लेकर कनीना थाने में दर्ज केस का पटाक्षेप.
वर्ष भर पूर्व महिला के द्वारा कनीना थाने में दर्ज कराया गया था केस.
पुलिस जांच में पुलिस व कोर्ट का समय बर्बाद करना माना गया

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम  / कनीना । कनीना सब डिवीजन के गांव उच्चत में जमींन की खरीद-फरोख्त को लेकर कनीना थाने में 24 नवंबर 2020 में दर्ज किये धोखाधड़ी के केस का पटाक्षेप हो गया है। यह केस सादतनगर थाना कोसली की महिला सनिता पत्नी अतर सिंह की ओर से दर्ज कराया गया था , जो पुलिस की गहन जांच में झूठ का पुलिंदा साबित हुआ। इस प्रकरण में पुलिस व कोर्ट का समय बर्बाद करना माना गया है।

कायतकर्ता के खिलाफ थाने में कलंदरा जेर धारा 182 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। जिसे एसडीजेएम कोर्ट कनीना में दाखिल कराया गया है।

बता दें कि सनिता पत्री अतर सिंह की ओर से पुलिस अधीक्षक नारनौल को 4 जुलाई 2020 को डाक से शिकायत भेजी थी जिसमें उसके पिता लालचंद वासी बव्वा के नाम कृषि योगय भूमि थी जिसमें से लालचंद ने 1 कनाल 5 मरला जमींन पंजीकरण संख्या 827 दिनांक 21 जून 2016 को बीना यादव के नाम बैय की गई थी। मार्च 2020 में हुये बंटवारे के दौरान यह हिस्सा 5 कनाल 16 मरला दिखाया गया। शिकायत के साथ इस पंजीकरण संख्या 827 की असत्यापित कॉपी भी अटैच की गई थी जिनका कोई कानूनी आधार नहीं था। सनिता का नजदीकी रिश्तेदार विनय कुमार इस दौरान कनीना थाने में बतौर थानेदार कार्यरत था। जिन्होंने बिना जांच किये ही महिला रिश्तेदार के सामने अपना रुतबा दिखाते हुये पद का दुरुपयोग कर जमींन की खरीददार महिला बीना देवी, उसके पति राजीव कुमार, तत्कालीन तहसीलदार, हलका पटवारी उमेद सिंह जाखड़, गवाह सुनील कुमार, नक्सानवीश पृथ्वीचंद के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 471, 506,120बी के तहत केस दर्ज किया था। जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई।

दिलचस्प बात है कि भूखंड पंजीकरण दस्तावेजों में नम्बरदार के भी बतौर गवाह हस्ताक्षर थे उन्हें पूरी तरह से क्लीनचिट दी गई। केस दर्ज होने की जानकारी खरीददार महिला व उनके पति सहित अन्य लोगों को लगी तो उन्होंने पुलिस के जांच अधिकारियों के सामने पेश होकर असल रजिस्ट्री दिखाई जिसमें बैय की गई भूमि के अनुरूप स्टांप ड्यूटी अदा करने, ऑनलाईन पंजीकरण दस्तावेज निकलवाने वाले कागजात प्रस्तुत किये। जो पूर्णतया सही पाये गये। इन तथ्यों को देखते हुये उन्होंने समाज में उनकी छवि को जानबूझकर धूमिल करने की साजिस रचने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत कर्ता ने आरोपियों पर धमकी देने के भी आरोप लगाये थे। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इस केस की जांच नांगल चौधरी थाना प्रभारी द्वारा की गई।

छह माह में दूध का दूध और पानी का पानी
जिन्होंने करीब छह माह में दूध का दूध ओर पानी का पानी कर दिया। पुलिस जांच में जमींन की खरीददार बीना यादव, राजीव यादव, तहसीलदार निर्मल दहिया, गवाह सुनील कुमार, डीड राईटर पृथ्वीचंद शर्मा गुढा व हलका पटवारी को निर्दाेष करार दिया गया। इस घटना की जांच के बाद शिकायतकर्ता के षडयंत्र का पर्दाफास हो गया। पुलिस के प्रशन-अत्तर जांच में सनिता ने बताया कि बव्वा निवासी शुभराम पुत्र भगवान सिंह ने भूमि की असत्यापित कॉपी उपलब्ध कराई थी। शुभराम के खिलाफ पहले भी कोसली थाने में 182 के दो केस दर्ज हुये थे। सादत नगर निवासी अतर सिंह पुत्र भोलाराम व सनिता पत्री अतर सिंह, विनय कुमार व शुभराम आपस में साजबाज थे। जिसके आधार पर अतर सिंह के कहने पर सनिता ने एसपी नारनौल को शिकायत भेजी थी। सनिता की ओर से लगाये सभी आरोप पुलिस जांच में बेबुनियाद व झूठे पाये गये।

थाना प्रभारी विनय की शिकायत हाई लेवल पर
शिकायत में लेशमात्र भी सच्चाई नहीं मिलने पर पुलिस इस केस को खरिज कर झूठी शिकायत देने वाली महिला सनिता पत्नी अतर सिंह के खिलाफ कलंदरा जेर धारा 182 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। ईधर पीड़ित पक्ष की ओर से अदालत में मानहानि का केस दायर करने की तैयारी की गई है। पद का दुरुपयोग कर केस दर्ज करने वाले थाना प्रभारी विनय कुमार की शिकायत प्रदेश के महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक व सीएस को भेजी गई है। शिकायत करने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इंस्पेक्टर विनय कुमार की ओर से शिकायतकर्ता को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है। झूठी शिकायत करने का आदी है शुभरामबव्वा निवासी शुभराम पुत्र भगवान सिंह सर्वाधिक झूठी शिकायतें करने का आदी है। बहरहाल पुलिस ने कलंदरा 182 एसडीजेएम कोर्ट कनीना में दाखिल कर दिया है। जिसमें कुल 10 गवाह हैं, जिसकी सुनवाई विचाराधीन है।   

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