आज़ादी आंदोलन के गुमनाम नायकों व घटनाओं को संग्रहित किया जा रहा: आर एस सांगवान

तमाम जानकारी और दस्तावेज का डिजीटल संग्रहण तैयार किया जा रहा
बलिदान व गौरवशाली इतिहास की गाथाओं को डीडीआर में होगा सम्मिलित
25 तक तथ्यात्मक दस्तावेजो सहित डीआईपीआरओ कार्यालय में करें संपर्क

फतह सिह उजाला
गुरुग्राम । आजादी की 75वीं वर्षगांठ को मनाने को लेकर चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिला में डिस्ट्रिक्ट डिजीटल रिपोजिटरी (डीडीआर) अर्थात् डिजीटल संग्रहण तैयार किया जा रहा है। इस रिपोजिटरी को तैयार करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आमजन से ऐसे गुमनाम नायकों अथवा आजादी से संबंधित स्थानों की जानकारी को लेकर तथ्यात्मक जानकारी दस्तावेजो सहित मांगी गई है ताकि उनकी कहानियों व बलिदान की गाथाओं का संग्रह करते हुए उन्हें स्मरणोत्सव के रूप में एकत्रित किया जा सके। इसके लिए आमजन 25 नवंबर तक ज़िला सूचना एवम् जनसम्पर्क अधिकारी कार्यालय में पहुँचाएँ । यह सूचना ई-मेल द्वारा  [email protected]  पर भी भेजी जा सकती है ।

इस बारे में जानकारी देते हुए सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक एनसीआर रणबीर सिंह सांगवान ने बताया कि डिजीटल संग्रह को तैयार करने के लिए जिला व राज्य स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत तथ्यात्मक दस्तावेजों के साथ गुमनाम नायकों , लोककथाओं व इवेंट्स आदि का संग्रह किया जा रहा है ताकि उनके बलिदान व गौरवशाली इतिहास की गाथाओं को डीडीआर में सम्मिलित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में देश के गौरवशाली इतिहास के पन्नों में ऐसे गुमनाम नायकों और स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी घटनाएं जो आमजन के बीच ज्यादा प्रचलित नही हो पाई , उनकी सूची तैयार कर डीडीआर बनाई जा रही है ताकि लोगों को उनके बलिदान व योगदान की कहानी से रूबरू करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी को देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसी कड़ी में यह डिस्ट्रिक्ट डिजीटल रिपोजिटरी तैयार की जा रही है।

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक एनसीआर रणबीर सिंह सांगवान ंने बताया कि डीडीआर में गुमनाम नायकों व प्रचलित व्यक्तित्व , इवेंट्स तथा घटनाओं, जीवित पंरपराओं तथा आर्ट फॉर्म, गुप्त निधि, निर्मित ऐतिहासिक विरासत जैसे किले, संग्रहालय, लाइब्रेरीज आदि सहित को शामिल किया जाएगा। सांगवान ने बताया कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में योगदान को रेखांकित करने के लिए  विभिन्न स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इसी कड़ी में सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा सेक्टर 14 स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय में 21 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक पांच दिवसीय डिजिटल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। जिसमें जिलावासियों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर अपनी रुचि दिखाई थी।

जिला स्तरीय कमेटी का गठन
सांगवान ने बताया कि जिला स्तर पर बनाए जा रहे डिजिटल संग्रह के लिए डीसी यश गर्ग की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में गुरुग्राम के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी को नोडल अधिकारी व रोहतक स्थित पुरातत्व विभाग के सहायक  निदेशक रणवीर मान इसके सदस्य बनाए गये हैं । इस समिति को इस महीने के आखिर तक डिजिटल संग्रह तैयार करके ज़िला प्रशासन व राज्य सरकार के पास भेजना है , इसलिए किसी भी जिलावासी के पास स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े ज़िला के व्यक्तियों, वीरों, स्वतंत्रता सेनानियों, उनसे जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों की कोई भी जानकारी या दस्तावेज हों तो ज़िला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में पहुँचाए या फिर ई मेल द्वारा –   [email protected]   पर भेजे। उन्होंने इस अवसर पर जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि यदि गुरुग्राम जिला से जुड़े गुमनाम नायकों अथवा आजादी से संबंधित घटनास्थलों की कोई भी जानकारी उपलब्ध हो तो उसे 25 नवंबर से पहले जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय गुरुग्राम के साथ सांझा अवश्य करें।

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