गुरुग्राम। विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करके ना केवल बड़ा दिल दिखाया है, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वे किसानों के सदैव हितैषी ही रहेंगे। देश की प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ किसानों को प्रिय बताते हुए ये कानून रद्द किये।

विधायक सुधीर ङ्क्षसगला ने कहा कि यह देश के हर किसान का सम्मान है। किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने को लेकर जो भी आंदोलन किया, उसके विरोध में कभी प्रधानमंत्री ने नहीं बोला। उन्होंने सदैव उन किसानों को कृषि कानूनों को समझने की अपील की और सदैव बातचीत के दरवाजे खुले रखे। सुधीर ङ्क्षसगला ने कहा कि प्रधानमंत्री का ह्दय कोमल है। उसी कोमल ह्दय से उन्होंने किसानों की मांगों को बहुत ही सहजता से मान लिया। विपक्ष ने किसानों के इस मुद्दे को हवा दी थी और आंदोलन का रूप दिया था। यह सब जानते हैं। यहां तक कि कुछ अराजक तत्वों ने भी किसानों के बीच पहुंचकर गलत हरकतें की। सरकार को बदनाम करने की कोशिश की। हालांकि ऐसे तत्व जल्द ही बेनकाब भी होते गए।

विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आंदोलन को सदा ही गंभीरता से लिया। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ कई बार किसान संगठनों के साथ बैठकें हुई। हर बार किसानों को तीनों कानूनों के फायदे बताए गए। इन फायदों को उन लोगों की वजह से किसानों को समझने में रोड़ा अटकाया गया, जो कि विरोधी दलों के इशारे पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार में ही इस पूरे मुद्दे को हल करके यानी कृषि कानून रद्द करके विपक्षी पार्टियों और किसानों के हितैषी बनने वालों को एक तरह से झटका भी दिया है। विधायक ने धरनारत किसानों से अपील की है कि अब वे धरने को छोड़कर अपने घरों को लौटें। अपनी फसलों को संभालें। प्रधानमंत्री वायदा कर चुके हैं कि आगामी मॉनसून सत्र में अधिकारिक रूप से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर मुहर लग जाएगी।

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