सभी किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए व जिन किसानों पर बर्बता कर लाठी चार्ज और मुकदमें दर्ज किए हैं उन मुकदमों को वापिस लेकर आर्थिक मदद की जाए : कैप्टन अजय यादव

गुरूग्राम। केंद्र सरकार द्वारा कृषि के तीनों काले कानूनों को वापिस लेने की घोषणा के बाद पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव व कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने कांग्रेस कार्यालय कमान सराय गुरूग्राम में प्रेसवार्ता कर राजीव चौक स्थित किसानों के धरने स्थल पर पंहूचे और किसानों के तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की लड्डु खिलाकर शुभकामनाएं दी।

कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि इस संघर्ष में हमारे 700 से अधिक किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनको हम अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और शाम को कैंडल मार्च भी निकालेगें। लेकिन बडे दुख की बात है कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों का जिक्र तक नही किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हट के कारण ही इतने किसान शहीद हो गए। यदि प्रधानमंत्री अपनी हट छोडकर पहले किसानों की बात मान लेते तो इतने किसान शहीद नही होते। प्रधानमंत्री को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नही है।

हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तिफे की मांग करते हैं। साथ ही हमारी मांग है कि सभी किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए व जिन किसानों पर बर्बता कर लाठी चार्ज और मुकदमें दर्ज किए हैं उन मुकदमों को वापिस लेकर आर्थिक मदद की जाए। इसके अलावा सरकार को साथ-साथ न्यूतम समर्थन मूल्य पर भी कानून बनाना चाहिए।

कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि यूपी व पंजाब के चुनावों में संभावित नुकसान को देखते हुए अब जाकर सरकार की आंख खुली है। लेकिन चुनाव में भी भाजपा को कोई फायदा नही होगा और भाजपा बुरे तरीके से हारेगी। उन्होने कहा कि देश की कृषि व्यवस्था को कारपोरेट के हाथों से बचाने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन करने वाले किसानों को आतंकवादी कहने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। किसानों ने अपने सत्याग्रह आंदोलन से जीत हासिल करके पूरी दुनिया के सामने आदर्श उदाहरण पेश किया है कि हमारे देश में नफरत व हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। श्री यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर शहीद किसानों की याद में स्मारक बनाएगें।

व्यापार प्रकोष्ठ के चेयरमैन पंकज डावर ने अन्नदाताओं को इस लंबे संघर्ष की जीत की बधाई देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार चंद बड़ी कंपनियों के दबाव में जबरदस्ती काले कानून किसानों पर थोपना चाहती थी, परंतु जिस प्रकार से एक वर्ष से भी ज्यादा समय तक किसानों ने एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ी उससे तानाशाही सरकार को झुकना पड़ा है। तीनों काले कृषि कानून जबरदस्ती संसद में पास कराए गए, जिससे मजबूर होकर किसानों को दिल्ली के बार्डरों पर बैठना पड़ा। केन्द्र सरकार की इस घोषणा से साफ हो गया है कि किसान सही थे और कानून वास्तव में काले ही हैं। इतने समय तक अपना काम धंधा, खेती-बाड़ी, घर छोडकर किसानों को आंदोलन करना पड़ा। इसके लिए केन्द्र सरकार की हठधर्मिता जिम्मेवार है। लगातार धरनारत रहे किसानों को जो इस दौरान आर्थिक नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई के लिए भी सरकार को कदम उठाने चाहिए और किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

श्री डावर ने कहा कि मौजूदा आंदोलन की भांति भविष्य में भी कांग्रेस पार्टी किसानोंं, मजदूर, गरीब, व्यापारी सभी के साथ जायज संघर्षों में कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ खडा मिलेगा और आपकी आवाज को बुलंद करेगा।

इस मौके पर कांग्रेस सेवादल के प्रदेश सह अध्यक्ष इंद्र सिंह सैनी, कांग्रेस ओबीसी सैल के राष्ट्रीय महासचिव राहुल यादव, पूर्व प्रवक्ता राजेश बादशाहपुर, हरपाल सिंह तंवर, जगमोहन यादव सिकंदरपुर, गुरूगांव उद्दोग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव, महिला कांग्रेस की ग्रामिण अध्यक्ष निर्मल यादव, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक भास्कर, युथ कांग्रेस के जिला महासचिव अमित कोचर, विधानसभा महासचिव भारत मदान इत्यादि मौजूद रहे।

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