– नगर निगम गुरूग्राम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के तहत शुरू की गई तैयारियां
– ठोस कचरा प्रबंधन नियम की पालना नहीं करने वाले बल्क वेस्ट जनरेटरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिए गए निर्देश
– घरों से केवल अलग-अलग कचरा ही किया जाएगा एकत्रित
– स्वीपिंग मशीनों के रूट रैशनेलाईजेशन के दिए निगमायुक्त ने निर्देश
– सफाई अधिकारी तथा वरिष्ठ सफाई निरीक्षक 16 नवम्बर तक स्वीपिंग मशीनों के कार्य की रिपोर्ट तैयार करके देंगे सर्टिफिकेट

गुरूग्राम, 12 नवम्बर। नगर निगम गुरूग्राम क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सभी के लिए जरूरी है तथा अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने का प्रावधान है। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के तहत तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

शुक्रवार को नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निगमायुक्त ने कहा कि निगम सीमा में स्थित बल्क वेस्ट जनरेटर अगर ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें तथा नियमानुसार उनका चालान करके उनके बारे में विभिन्न माध्यमों से सभी को जानकारी दें। उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर केवल अलग-अलग कचरा ही स्वीकार किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति मिक्स कचरा देता है, तो उसका कचरा स्वीकार ना करें तथा उसे शालीनतापूर्वक कचरा अलग-अलग करने के लिए कहें।

निगमायुक्त ने कहा कि रोड़ स्वीपिंग मशीनों के रूट को रैशनेलाईज करने की आवश्यकता है तथा इन मशीनों के माध्यम से ज्यादा सडक़ों को कवर करवाया जाए। सफाई अधिकारी तथा वरिष्ठ सफाई निरीक्षक 16 नवम्बर तक रोजाना निगरानी करेंगे तथा मशीनों द्वारा किए जा रहे कार्य की रिपोर्ट सर्टिफिकेट के साथ 16 नवम्बर को देंगे। अगर किसी मशीन का कार्य संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

निगमायुक्त ने कहा कि निगम सीमा में स्थित 20 सैकेंडरी कचरा कलैक्शन प्वाईंटों को बेहतर तरीके से बनाया जाए। इसके तहत यहां की चारदीवारी, एंट्री-एग्जिट गेट तथा इनफोर्समैंट टीम के लिए केबिन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैकेंडरी कलैक्शन प्वाईंट साफ एवं सुंदर दिखाई देना चाहिए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाए कि इन प्वाईंटों के अलावा अन्य स्थानों पर कचरा ना डाला जाए। अगर कोई व्यक्ति कचरा डालता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने इकोग्रीन एनर्जी के पदाधिकारियों को जोन वाईज एक-एक अर्थात कुल चार एमआरएफ स्थापित करने के निर्देश दिए तथा निगम अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द कंपनी को एमआरएफ के लिए जमीन उपलब्ध करवाएं। उन्होंने इकोग्रीन एनर्जी के पदाधिकारियों से कहा कि डोर-टू-डोर कचरा कलैक्शन प्रक्रिया से कोई भी क्षेत्र नहीं छूटना चाहिए।

बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त डा.वैशाली शर्मा, संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) हरीओम अत्री, कार्यकारी अभियंता सुंदर श्योराण, सहायक अभियंता राकेश जून, स्वच्छता सलाहकार अनिल महता, सफाई अधिकारी विजेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ सफाई निरीक्षक ऋषि मलिक, इकोग्रीन एनर्जी के सीईओ संजीव शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।

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