2 करोड़ का खेल पुरुस्कार लेने के लिए कोल्हापुर (महाराष्ट्र)के तैराक खिलाड़ी ने करनाल में हरियाणा डोमिसाइल बनवा किया बड़ा फर्ज़ीवाड़ा । -फर्ज़ीवाड़े में 5 विभागों के अफसर शामिल-वर्ष 2019 में हुई पुलिस जांच में भंडाफोड़ होने के बावजूद करनाल पुलिस ने मामला दबा दिया-जिसका जन्म 1998 में हुआ,उसका राशनकार्ड जन्म से पहले 1995 में बना दिया । करनाल 11 नवम्बर – वर्ष 2018 में पैरा एशियन गेम्स (इंडोनेशिया )में कांस्य पदक विजेता कोल्हापुर (महाराष्ट्र)के मूल निवासी तैराक स्वपनिल संजय पाटिल ने हरियाणा की खेल प्रोत्साहन नीति के 2 करोड़ रुपये का इनाम हड़पने के लिए खेल विभाग के स्थानीय अफसरों से मिलकर बड़ा फर्ज़ीवाड़ा कर डाला । पहले तो करनाल से अपना फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र,राशन कार्ड व हरियाणा मूल निवासी (डोमिसाइल)प्रमाण पत्र बनवा लिए । फिर इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिला खेल विभाग के अफसरों से सांठगांठ करके 2 करोड़ का इनाम लेने के लिए सिफारिश सहित सरकार को फाइल भी भिजवा दी । आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस फर्ज़ीवाड़े का खुलासा करते हुए बताया कि इस घपले में पांच विभागों के अफसर शामिल हैं । आरोप लगाया कि दिसम्बर 2019 में तत्कालीन डीसी के आदेश पर हुई जांच में फर्ज़ीवाड़े का खुलासा होने व तत्कालीन एसपी,डीसी के संज्ञान में होने के बावजूद मामले को दबा दिया गया । खेल विभाग ने जिला खेल अधिकारी द्वारा इस पैरा तैराक को 2 करोड़ रुपये का इनाम देने की सिफारिश करने के बावजूद इनाम राशि जारी नहीं की । कपूर ने आईजी करनाल रेंज व एसपी करनाल को आरटीआई सबूतों सहित शिकायत भेज कर इस फर्ज़ीवाड़े में शामिल सभी दोषियों के विरुद्ध तुरन्त एफआईआर दर्ज करने व एसआईटी गठित कर सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है । फर्ज़ीवाड़े में करनाल के पांच विभागों के अफसर शामिल:-फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र,राशन कार्ड,हरियाणा डोमिसाइल बनाने , दो करोड़ की इनाम राशि के लिए फाइल भिजवाने व भ्रामक पुलिस जाँच रिपोर्ट भेज कर मामला दबाने के फर्ज़ीवाड़े में पांच विभागों के अफसर शामिल हैं ।इनमें खेल विभाग,नगर निगम,फूड सप्लाई विभाग,तहसीलदार, पुलिस विभाग के अधिकारी व नगर पार्षद आदि शामिल हैं । स्मार्ट सिटी के ओवर स्मार्ट अफसरों का कारनामा:-*नगर निगम करनाल द्वारा जारी पैरा तैराक स्वपनिल संजय पाटिल के जन्म प्रमाण पत्र,आधार कार्ड व पुणे महाराष्ट्र से बने पासपोर्ट मुताबिक जन्म तिथि 6जनवरी 1998 है ।जबकि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी करनाल द्वारा 6जुलाई 1995 को जारी राशन कार्ड में स्वपनिल संजय पाटिल का नाम दर्ज है ।यानी जन्म से 3 वर्ष पहले ही राशन कार्ड में नाम आ गया । निदेशक खेल विभाग हरियाणा की मांग पर नवम्बर 2019 में तत्कालीन डीसी ने एसपी करनाल से इस फर्ज़ीवाड़े की जांच रिपोर्ट तलब की थी । इस पर एसपी ने जांच करवा कर दिसम्बर 2019 में डीसी को रिपोर्ट भेजी थी । पुलिस ने अपनी इस जांच में स्वपनिल संजय पाटिल को पश्चमी बंगाल का मूल निवासी बताया, जबकि पासपोर्ट दस्तावेज के अनुसार वह कोल्हापुर(महाराष्ट्र)का मूल निवासी है । जांच रिपोर्ट में बताया कि स्वपनिल संजय पाटिल वर्ष 2018 में सिर्फ 9-10 महीने तक सुभाष नगर करनाल में किराये पर रहा । इस तरह पुलिस जांच में फर्ज़ीवाड़े का खुलासा होने पर भी भृष्ट अफसरों को बचाने के लिए कोई कारवाई न करके मामला दबा दिया गया । Post navigation प्रदेश में तेज गति से हो रहा सड़क और रेलमार्गों का निर्माणः मुख्यमंत्री पुस्तकालय राष्ट्र निर्माण की ईकाई-पी के दास