उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने के बाद भी अधिकारी नहीं जागे
-मौके पर पहुंचे मीटर रीडर ने रीडिंग लेकर भी एवरेज से दिया बिल

गुरुग्राम। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की कार्यप्रणाली हमेशा ही सवालों के घेरे में रहती है। उपभोक्ताओं की जेबों पर भारी-भरकम बिजली के बिल भेजकर आर्थिक चपेट लगाई जा रही है। हालत यह है कि मीटर सही काम कर रहा है, फिर भी विभाग की ओर से लापरवाही करके एवरेज के आधार पर बिजली भेजे जा रहे हैं।

गुरुग्राम के सिविल लाइन स्थित आपका सिटी प्लाजा में दुकान नंबर-10 के मालिक रमेश गुप्ता का मीटर अकाउंट नंबर-3442070000 है। उनकी उक्त दुकान का जून का बिल 92 यूनिट का 834 रुपये दिया गया। यह ठीक था। इसके बाद 12 जून से 24 अगस्त 2021 के बीच का बिल एवरेज आधार पर 3223 रुपये और 25 अगस्त से 20 अक्टूबर 2021 के बीच का बिल भी एवरेज आधार पर ही 2734 रुपये दे दिया गया। रमेश गुप्ता के मुताबिक ना तो उनका मीटर बदला गया है और ना मीटर में किसी तरह की गड़बड़ी है। फिर भी उनका बिल बिना एवरेज के आधार पर इतना ज्यादा दे दिया गया है। यह हालत तो तब है जब मीटर रीडर रीडिंग लेकर जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब उपभोक्ता का मीटर सही चल रहा है। किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर एवरेज के आधार पर बिल देने का क्या औचित्य है। वह भी तब, जब मीटर रीडर मौके पर आकर रीडिंग ले रहा है।

शिकायत पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
उपभोक्ता रमेश गुप्ता मुताबिक अधिक और एवरेज के आधार पर दिए गए बिल की शिकायत उन्होंने  25 अगस्त 2021 को शिकायत दी थी, जिसका नंबर आरईक्यू-250820212057463442070000 है। इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बाद वे कुल चार बार बिजली निगम को पोर्टल पर शिकायत दे चुके हैं और अधिकारियों एक्सईएन, एसडीओ को पूरा ब्यौरा वाट्सअप पर भेज चुके हैं। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। संज्ञान नहीं लिया गया। अगर अधिकारी भी इस तरह की लापरवाही करेंगे तो फिर कर्मचारी स्तर पर तो सुधार कैसे होगा।

कर्मचारियों द्वारा लापरवाही से काम करने पर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर वे ऐसा काम करते ही रहेंगे।

जून का बिल ठीक था, इसके बाद कर दी गड़बड़ी
जून-2021 तक का तो बिल सही था, लेकिन अगस्त और अक्टूबर का बिल एवरेज के आधार पर दे दिया, जो कि 3316 रुपये दिया गया है। इसी मीटर का बिल रीडिंग के आधार पर 1000 रुपये से भी कम का आता है। पहले तो 100 से भी कम यूनिट खपत हो रही थी, जबकि इन बिलों में यूनिट ही कई गुणा बढ़ाकर दी गई हैं।

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