कांग्रेस नेताओं को अभय चौटाला के जीतने पर सवाल पूछकर तंज कसने की बजाय अपने खुद का आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि वे कहा खड़े है? विद्रोही कांग्रेस नेता एक-दूसरे से योंहि राजनीतिक हिसाब करते रहे तो भविष्य मेें भी प्रदेश में कांग्रेस की दुगर्ति होना तय है। विद्रोही 5 नवम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने देशभर में 30 विधानसभा व 3 लोकसभा उपचुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एके नई ऊर्जा व जोश बताया, वहीं हरियाणा के ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन पर गहरी चिंता जताई। विद्रोही नेे कहा कि 30 विधानसभा उपचुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए भविष्य में सकारात्मक संकेत है और यह भी बताते है कि यदि कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता निजी महत्वकांक्षाओं से ऊपर उठकर एकजुटता से काम करे तो 2024 लोकसभा आम चुनाव में मोदी-भाजपा को पटखनी देना कोई मुश्किल काम नही है। वहीं हरियाणा में ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में काग्रेस का प्रदर्शन प्रदेश कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़े खतरे की घंटी है। चौटाला परिवार के गढ़ सिरसा जिले में ऐलनाबाद सीट से अभय सिंह चौटालो का फिर जीतना कोई आश्चर्यजनक बात नही है। आश्चर्यजनक यह है कि आज जब भाजपा गांवों में घुसने की स्थिति में नही है, उसके प्रति भारी जनाक्रोश है, फिर भी वह इस उपचुनावे मेें कांग्रेस को पछाडक़र ना केवल नम्बर दो पर रही अपितु लगभग 60 हजार वोट भी पाये। विद्रोही ने कांग्रेस उम्मीदवार को केवल 20904 वोट मिले अर्थात 13.78 प्रतिशत मत मिलना कांग्रेस के लिए बड़ी चिंता का विषय है। मुख्य मुकाबले से बाहर रहकर कांग्रेस का तीसरे नम्बर पर आकर अपनी जमानत जब्त करवाना प्रदेश कांग्रेस नेताओं के लिए बड़ी शर्मनाक स्थिति है। कांग्रेस नेताओं को अभय चौटाला के जीतने पर सवाल पूछकर तंज कसने की बजाय अपने खुद का आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि वे कहा खड़े है? ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त होने की नौबत क्यों आई? विद्रोही ने कहा कि इस उपचुनाव में भाजपा-जजपा खट्टर सरकरा ने ना केवल सरकारी मशीनरी का भारी दुरूपयोग किया अपितु प्रशासन-पुलिस के द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन व नकद धन दिलवाकर लोकतंत्र, संविधान व चुनाव आचार संहिता की भी धज्जियां उडाई और चुनाव आयोग ने इन कुकृत्यों पर आंखे मूंदकर भविष्य के लिए भी बहुत गलत संदेश दिये है जिन पर कांग्रेस को गंभीरता से विचारना होगा कि यदि इसी तरह चुनाव जीतने के लिए धन बल, सत्ता बल, प्रशासन व पुलिस को दुरूपयोग होगा और चुनाव आयोग संघी आयोग बनकर आंखे मूंदे रहेगा तो भविष्य में क्या होगा और कहीं लोकतंत्र व संविधान का होना या न होना बेमानी न हो जाये। विद्रोही ने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव का प्रदर्शन कांग्रेस के लिए चेतावनी भी है यदि कांग्रेसी इसी तरह किसी न किसी बहाने संगठन नियुक्तियों को टालतेे रहे और पार्टी एकजुट रहकर चुनाव लडने की बजाय नेता एक-दूसरे से योंहि राजनीतिक हिसाब करते रहे तो भविष्य मेें भी प्रदेश में कांग्रेस की दुगर्ति होना तय है। वहीं भाजपा-संघ ने किस तरह प्रदेश को बुरी तरह से जातिवाद में बांटकर जनमुद्दों को गौण करके चुनावों में जाट व गैरजाट में बाटने की रणनीति में सफलता पाती जा रही है, उसे यदि कांग्रेस ने ठोस रणनीति बनाकर नही रोको तो प्रदेश की स्थिति क्या होगी, यह सोचकर ही मन सिहर जाता है। Post navigation ऐलनाबाद उपचुनाव : कांग्रेस में कलह बढ़ गई, जमानत जब्त होने पर पार्टी के नेता एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे पटौदी क्षेत्र कमजोर नेतृत्व का भुगत रहा खामियाजा, विधायक को अखबारी चर्चाओं का शौक : सुनीता वर्मा