हरियाणा की पीसीसी चीफ कुमारी सैलजा ने माना कि संगठन की कमी भी चुनाव में खली. पिछले काफी समय से संगठन नहीं है, यह जरूरी है. अब इस पर ध्यान दिया जाएगा. पार्टी के अंदर भी चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस पर गंभीरता से काम चल रहा है. सैलजा ने आरोप लगाया कि ऐलनाबाद में भाजपा-जजपा के साथ साथ इनेलो ने संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया और वोटों का ध्रुवीकरण हुआ. वहीं, पार्टी के कुछ लोगों ने सही से काम नहीं किया.

चंडीगढ़. ऐलनाबाद उपचुनाव में हार के बाद हरियाणा कांग्रेस में फिर कलह बढ़ गई है. ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी की जमानत जब्‍त होने पर पार्टी के नेता एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बिना किसी का नाम लिए कुछ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा है कि ऐलनाबाद चुनाव में कुछ लोगों का जो रोल होना चाहिए था, वो नहीं रहा. इसी कमी के चलते पार्टी यहां पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. वह इसकी रिपोर्ट हाईकमान को देंगी.

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने हार का ठीकरा पार्टी के प्रत्‍याशी पवन बैनीवाल पर ही फोड़ दिया. कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी ने कहा कि पार्टी तीसरे नंबर रहेगी इसकी उम्मीद नहीं थी. उन्होंने हार के कारणों की तह में जाने की बात कही है.

प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि हालांकि कांग्रेस पार्टी ने बरोदा उपचुनाव जीता था लेकिन वहां पर भी पार्टी को उम्मीद के मुताबिक मार्जिन नहीं मिला था. दूसरा वहां पर पार्टी के ही सीटिंग एमएलए की सीट खाली हुई थी. जहां तक ऐलनाबाद एरिया की बात है तो यहां पर पहले भी कांग्रेस इतनी अधिक मजबूत नहीं रही है.

वर्ष 2009 में हुए उपचुनाव में भी पार्टी यहां तीसरे स्थान पर रही थी. सैलजा ने आरोप लगाया कि ऐलनाबाद में भाजपा-जजपा के साथ साथ इनेलो ने संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया और वोटों का ध्रुवीकरण हुआ. प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हार के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा और आगामी आम चुनावों को लेकर नए सिरे से रणनीति तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में चुनाव के लिए तीन साल का समय है. हमारा प्रयास रहेगा कि काम करने वाले कार्यकर्ताओं की पहचान की जाए और उनको आगे लाया जाए, ताकि संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती दी जा सके. वहीं, कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा प्रचार नहीं किए जाने पर सैलजा ने कहा कि ऐलनाबाद में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमीनी स्तर पर मेहनत की. जिसने वहां काम किया, उसने एक वर्कर की तरह किया. कुछ लोगों ने इसे व्यक्तिगत बनाकर काम किया, न की पार्टी के हिसाब से.

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