मां लक्ष्मी की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि की होती है प्राप्ति

गुरुग्राम: श्री माता शीतला देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं आचार्य पुरोहित संग्राम के अध्यक्ष पंडित अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि दीपावली का पर्व दशहरा या विजयादशमी के 20 दिन बाद शुरू होता है जो कि लगातार पांच दिन तक चलता है। इस बार पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत 2 नवंबर 2021, धनतेरस के दिन से हुई है। वहीं 6 नवंबर को भाई दूज से इस पर्व का समापन होगा। इस साल दीपावली का पर्व 4 नवंबर 2021, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। पं. अमरचंद ने कहा कि मान्यता है कि दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। दीपावली का पर्व विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के पहले दिन अमावस्या को मनाया जाता है। लक्ष्मी पूजा भी दिवाली उत्सव का एक हिस्सा होता है। दिवाली पूजा या लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक है। यह समय गुरुग्राम के साथ पूरे दिल्ली-एनसीआर का है। अलग-अलग शहर के पूजा समय में मामूली अंतर भी हो सकता है। वहीं भाई दूज का शुभ मुहूर्त 6 नवंबर को दोपहर 1:30 बजे से शुरू होकर उसी तारीख को दोपहर 3:46 बजे समाप्त होगा।

दिवाली पूजा विधि

पं. अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि दिवाली के दौरान लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की पूजा की जाती है। लक्ष्मी को धन/संपत्ति की देवी माना जाता है। वहीं भगवान गणेश बुद्धि और कार्य को सफल करने वाले देवता माने जाते हैं। लक्ष्मी पूजा में मीठे का भोग जैसे खीर, मिठाई, हलवा व मोदक का भोग लगाया जाता है। दीपावली के मौके पर बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं और देवी-देवताओं के साथ अपने पूर्वजों के नाम का दिया भी जलाते हैं। पूजास्थल में चावल या गेहूं की एक छोटी ढेरी बनाकर उस पर देसी घी का एक दिया जलाएं। माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए तीन बार श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी सहित सभी देवी देवताओं को भोग लगाएं। दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में करें और पूजा करते समय पीले या लाल कपड़े पहनें, इससे मां प्रसन्न होती हैं। दीपावली के दिन घर के ईशान कोण में चांदी, तांबा या स्टील बर्तन में पानी रख दें, यह पानी यम द्वितिया को तुलसीजी पर चढ़ाने से धन प्राप्ति होती है। पूजा के समय तिजोरी का मुंह उत्तर दिशा में करके खोल दें और दरवाजे पर घी-सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं. धन-धान्य बढ़ेगा। सोने-चांदी के गहने, सिक्कों को हल्दी-केसर का तिलक लगा कर लाल कपड़े में बांधकर रखें. घर में सौभाग्य बना रहेगा। घर में मिट्टी के दीये जलाएं। ऐसा करने से घर का वास्तु दोष दूर होता है। दीपावली पर दीये लगाते संख्या 11, 21, 31 होनी चाहिए, इन्हें शुभ माना जाता है। घर में सुख-सौभाग्य के लिए मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनानी चाहिए. स्वास्तिक, ऊं, लक्ष्मी चरण, गणेश जी, कमल, मोर आदि आकृति बनानी चाहिए।

माता लक्ष्मी के मंत्र

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। यह माता लक्ष्मी का बीज मंत्र है। इसका जाप करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।। यह माता लक्ष्मी का महामंत्र है। इसका जाप करने से स्थिर धन, दौलत और वैभव प्राप्त होता है।

दिवाली का महत्व

पं. अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि भगवान राम जब लंका के राजा रावण पर विजय पाकर 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटे तो उनके सकुशल आगमन की खुशी में नगरवासियों ने दीपों की कतारें सजाकर उत्सव मनाया था। तब से ही दिवाली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीति और अंधकार पर प्रकाश की विजय रूप में मनाया जाता है।

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