कमलेश भारतीय

पहले प्रशांत किशोर बोले कि भाजपा कहीं नहीं जाने वाली, दशकों तक रहेगी । राहुल गांधी को भी लक्ष्य कर कहा कि वे सोचते हैं कि जनता को उखाड़ फेंकेंगी । यह सही सोच नहीं है । ऐसा कुछ नहीं होने वाला । यह बात प्रशांत किशोर ने गोवा में तृणमूल कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाते कही थी जो वायरल भी हुई और चर्चित भी रही खूब ।

अब उसी गोवा में पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रशांत किशोर की बोली में अपनी बोली मिला दी । उसी के सुर में कहा कि कांग्रेस गंभीर नहीं है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ताकतवर होते जायेंगे । कांग्रेस पार्टी राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है । ममता बनर्जी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर फैसले न लेने का आरोप भी लगाया । वे गोवा में तीन दिवसीय दौरे पर थीं जब यह बात कही । ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निर्णय न लेने का अंजाम देश भुगत रहा है । वे कांग्रेस वाले राजनीति को गंभीरता से नहीं ले रहे । कांग्रेस की इस नीति से प्रधानमंत्री मोदी और मजबूत होते जा रहे हैं । अगर कोई निर्णय नहीं ले सकते तो उसके लिए देश को क्यों भुगतना चाहिए ?

जब पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री से पूछा गये कि कांग्रेस को कौन से फैसले लेने चाहिएं ? इस पर उनका जवाब था -मैं कांग्रेस के बारे में चर्चा नहीं करने जा रही हूं क्योंकि यह मेरी पार्टी नहीं है । मैंने अपना क्षेत्रीय दल बनाया है और अपने दम पर तीन तीन बार राज्य में सरकार बनाई है । उन्हें फैसला करने दीजिए । मैं अपनी पार्टी के बारे में कह सकती हूं । हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम भाजपा के आगे नहीं झुकेंगे ।
तो यह है प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के मिले सुर मेरा तुम्हारा तो ममता बनर्जी पश्चिमी बंगाल से दिल्ली के सिंहासन की ओर कदम बढ़ा सकें । यह है प्रशांत किशोर की नयी रणनीति । अच्छी तरह समझ लीजिए कि ममता बनर्जी के मन में क्या नया लड्डू फूटा है और क्या मीठा हो जायेगा उनके लिए ? प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगी हैं जब से तीसरी बार से मुख्यमंत्री बनी हैं और दिल्ली के चक्कर भी लगाने शुरू कर दिये हैं । गोवा चुनाव तो बहाना हैं , दिल्ली की कुर्सी पर निशाना है और कांग्रेस का साथ मिलना मुश्किल है इस पद के लिए । यही रणनीति तैयार की गयी कि कांग्रेस का आत्मबल तोड़ दो और ये खुद ब खुद झुक जायेगी । अभी चुनाव परिणाम बता देंगे कि क्या ममता बनर्जी सफल होंगी गोवा में सरकार बनाने में ? क्या उनका करिश्मा गोवा में भी चलेगा ? विचारणीय बात है । अभी तो दबाव बनाना शुरू किया है दोनों ने । रणनीति की कलई की जल्दी ही रंगत उतर गयी ।

इधर आर्यन खान को जमानत मिली और वह अपने घर मन्नत में दीपावली से पहले पहुंच गया । वानखेड़े पर लगाये पच्चीस करोड़ मांगने के आरोप का क्या हुआ ? चलो किंग खान ने राहत की सांस ली । पुरानी दोस्त जूही चावला काम आई मुश्किल घड़ी में ।
-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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