31 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक तीन दिन चलने वाली पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा आवेदक युवकों के घरों से 250-300 किलोमीटर दूरी तक करवाना अव्यवहारिक व बेरोजगारों को तंग करने का कदम : विद्रोही
हरियाणा में संघी राज में हो रही सरकारी भर्तीयों में भारी झोले ही नही अपितु सभी भर्तीया भ्रष्टाचार की दलदल में धंसी हुई है : विद्रोही

29 अक्टूबर 2021 -स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा-जजपा खट्टर सरकार सरकारी भर्ती परिक्षाएं अपने पडौस के जिले व आवेदक के गृह जिले के 50 किलोमीटर के दायरे में करवाने के अपने चुनावी वायदे से भागकर बेरोजगार युवाओं से क्रूर मजाक कर रही है। विद्रोही ने कहा कि 31 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक तीन दिन चलने वाली पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा आवेदक युवकों के घरों से 250-300 किलोमीटर दूरी तक करवाना अव्यवहारिक व बेरोजगारों को तंग करने का कदम है। भर्ती परीक्षा में नकल का रोकने के लिए जिले से बाहर 200 से 300 किलोमीटर दूर परीक्षा करवाना हल नही है क्योंकि भर्ती परीक्षा में नकल सरकार व प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नही। कटु सत्य यह है कि संघी सरकार के कर्ताधर्ता पैसा कमाने खुद चोर दरवाजे से भर्ती परीक्षा पर्चा लीक करवाते है और फिर उसी लीक पर्चे के आधार पर भर्ती करके अपनी तिजौरियां भरते है।

विद्रोही ने कहा कि संघी सरकार बडी चालाकी व सुनियोजित ढंग से गुपचुप रूप से भारी पैसा ऐंठकर नौकरियों को बेच रहे है। पारदर्शिता, मैरिट व ईमानदारी का संघी दावा लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला है। चौथी श्रेणी की छोटी नौकरियों में कुछ ईमानदारी दिखाने का ढोंग करके भाजपा खट्टर सरकार ने ईमानदारी से भर्तीया करने की जो हवा बनाई थी, वह अब धीरे-धीरे उसकी परते खुलने लगी है और नौकरी के लिए बेरोजगार मजबूरी में पर्दे के पीछे से संघीयों को भारी धन देकर नौकरियां प्राप्त कर रहे है। यह सारा खेल चार साल तक तो बहुत गुपचुप तरीके से खेला जाता रहा, पर विगत तीन सालों से इस खेल की परतेे धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही है। विगत सालों में हरियाणा में व्हाईट कॉलर जोब में से 80 प्रतिशत नौकरियां केवल संघीयों को मिली और आरक्षित नौकरियों में ही 20 प्रतिशत के करीब नौकरियां युवाओं को मुफ्त में मिली है। 

विद्रोही ने कहा कि जो सरकार भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने पर भी भर्तीया रद्द नही करती व लीक पेपर पर लगातार सरकारी भर्तीया करती है, उन सरकारी भर्तीयों में कैसी मैरिट, ईमानदारी व पारदर्शिता बरती गई होगी, यह बताने की जरूरत नही। वहीं लाख टके का सवाल यह है कि यदि सरकार ईमानदारी से सरकारी भर्तीया कर रही है तो हर भर्ती का पेपर लीक कोई आसमान से आकर ऐलियन तो करते नही। स्वभाविक हे कि सत्ता में बैठे लोग ही पेपर लीक करवाते है, फिर निष्पक्षता, पारदर्शिता, मैरिट व ईमानदारी का दावा हवा-हवाई नही तो क्या है? विद्रोही ने कहा कि जिले से बाहर 200 से 300 किलोमीटर भर्ती परीक्षा करवाने का मकसद ही यही है कि अपने चहेते उम्मीदवारों को तिकडमों से नकल करवाकर लीक पेपर से परीक्षा दिलवाकर अच्छे नम्बर दे दिये जाये और दूसरे जिले में परीक्षा होने से कोई जानेगा भी नही कि परीक्षा देने वाला कौन है? नकल करवाने वाला कौन है? भर्ती पेपर लीक करवाने वाला कौन है? विद्रोही ने आरोप ने लगाया कि हरियाणा में संघी राज में हो रही सरकारी भर्तीयों में भारी झोले ही नही अपितु सभी भर्तीया भ्रष्टाचार की दलदल में धंसी हुई है।

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