Category: हिसार

भगवान् इससे क्या खुश होगा ?

-कमलेश भारतीय बड़ी अजीब सी खबर है ! आंध्र प्रदेश के तिरुमाला के श्री वेकटेश्वर मंदिर में महाराष्ट्र के पुणे जिले के अनूठे श्रद्धालु आये दर्शन करने । इनमें दो…

भाजपा टिकट देती है तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार : सावित्री जिंदल‌

-कमलेश भारतीय हिसार : देश विदेश के अरबपतियों में शुमार, जिंदल उद्योग समूह की चेयरपर्सन व पूर्व मंत्री श्रीमती सावित्री जिंदल ने कहा कि यदि भाजपा, मेरी पार्टी हिसार से…

जजपा : इस दल के टुकड़े हज़ार हुए

-कमलेश भारतीय जजपा पार्टी लगातार बिखराव और टूटने की ओर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोई नहीं जानता, यह बिखराव और कितना होगा या इस बिखराव का सिलसिला कहां…

सीनियर सिटीजन दिवस पर दिखा …….. साठ साल से ऊपर वीरांगनाओं का जोश

-कमलेश भारतीय सीनियर सिटीजन दिवस पर कल शाम साठ साल से ऊपर वीरांगनाओं का भरपूर जोश देखने को मिला तुलसी सभागार में! एक नहीं, दो नहीं, पांच पांच प्रस्तुतियां दीं…

टी. बी . एक गंभीर सक्रामक रोग- सही उपचार और पौष्टिक आहार से इलाज संभव- डा: सपना गहलावत

वानप्रस्थ संस्था ने सूर्यानगर एवं शिवनगर में 50- टी . बी. ग्रस्त रोगियों को बाँटी प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार की 25 वीं क़िस्त हिसार – वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब ने…

ये बंधन तो राजनीति का बंधन है

-कमलेश भारतीय आज रक्षाबंधन है । प्यार का, समर्पण का कच्चे सूत का सबसे मजबूत बंधन। फेविकोल के जोड़ से भी मजबूत लेकिन एक राजनीतिक बंधन है जो दिखता तो…

धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर …… हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।

महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान…

जजपा में बिखराव, कौन जिम्मेदार?

-कमलेश भारतीय हरियाणा में सबसे नयी पार्टी जजपा, जिसने पहली ही बार में सिर्फ दस विधायकों के बावजूद सत्ता का पूरे साढ़े चार साल स्वाद चखा, अब वह बुरी तरह…

फिर निर्भया कांड, फिर मोमबत्तियां ………… एक रेपकांड, जगहें बदलता

-कमलेश भारतीय कभी स्वर्गीय डॉ नरेंद्र मोहन ने देश के अलग अलग हिस्सों में साम्प्रदायिक उन्माद, दंगे फैलने के बाद होने वाली आगजनी पर लम्बी कविता लिखी थी-एक अग्निकांड जगहें…

नेता न पार करें आदर्श आचार संहिता की लक्ष्मण रेखा

सैद्धांतिक रूप से यह जितना आदर्श से युक्त है, व्यवहार में इसका अनुपालन कम ही होता दिखाई देता है। जातिवाद, क्षेत्रवाद, बाहुबल और धनबल के रसूख से भरे चुनावी अभियान…

error: Content is protected !!