Category: विचार

समय दुख देता है तो ठीक भी करता है

हम हमेशा अपने बड़ों से कहते सुनते आए हैं कि हम अपने समय का व्यापक रूप से उपयोग करे अन्यथा आपको अंत में पछतावा होगा। जैसा कि हम श्रेया की…

क्या वर्चस्‍व की लड़ाई है भारतीय कुश्‍ती महासंघ का विवाद ?

भारतीय कुश्ती महासंघ चुनाव में 2011 में दीपेंदर हुड्डा को हराकर अध्‍यक्ष बने बृजभूषण शरण सिंह बृजभूषण ने बिना ट्रायल चयन के नियमों में बदलाव कर हरियाणा लॉबी को बड़ी…

कैसे कैसे मंजर सामने आने लगे ,,,,

-कमलेश भारतीय अभी महिला कोच , पहलवान विनेश फौगाट और स्वाति मालिवाल की बात चल ही रही है । चर्चाओं में है कि करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की…

बेटियों ने परचम बना लिया आंचल……..राजनीतिक अखाड़ा न बनाइये बेटियों के सम्मान को

-कमलेश भारतीय दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के साथ साथ पुरुष पहलवानों का धरना जारी है । मांग एक ही कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण को…

बेटियों को खिलाड़ी बनायें या बचायें ?

–कमलेश भारतीय हरियाणा के पानीपत में ही यह गर्व करने लायक घोषणा हुई थी -बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ! यह भी जोड़ दिया गया कुछ नेताओं द्वारा कि बेटियों को…

केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिसता आम आदमी

एक दशक से देश की सियासत में एक तरह की राजनीति कुछ अलग ही तरीके से चल पड़ी है, जिसके चलते छोटे-छोटे मामलों पर बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों को…

राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग

स्वतंत्र, कानून का पालन करने वाले संस्थान आवश्यक जांच और संतुलन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मजबूत और लचीले लोकतंत्रों के लिए अंतिम आधार प्रदान करते हैं।…

सरकार द्वारा चयनित व्यक्ति कभी सरकार के खिलाफ जा नहीं सकता

मोदी चाहते हैं न्यायपालिका में भी एकाधिकार जजों की नियुक्ति में सरकार की हिस्सेदारी होना कितना सही, जानिए वरिष्ठ वकीलों की राय अशोक कुमार कौशिक देश में सुप्रीम कोर्ट और…

कांग्रेस से दूरी… केसीआर का साथ पसंद

क्या 2024 से पहले थर्ड फ्रंड को हवा दे रहे अखिलेश? मोदी की चुनावी राह के बड़े रोड़े क्षेत्रीय दल भाजपा कांग्रेस की दुखती रग बने वर्ष 2023 कई मायनों…

लोकतंत्र के मंदिर की फीकी पड़ती चमक

संसद में कामकाज न चलने तथा शोर-शराबे के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था से लोगों का विश्वास भी डिगता है। इसलिए यह बेहद जरूरी हो गया है कि संसद के सुचारू संचालन…