Category: विचार

बीजेपी की हर घर तिरंगा फहराने की मुहिम……… समय का फेर , शुभ लक्षण इस बदलाव के

संविधान और तिरंगे के बारे में 1949 में क्या सोचता था संघ नागपुर की अदालत में यह मुकदमा दर्ज होने के बाद 2002 में आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया…

संसद न चलने से आखिर किसको है नुकसान?

एक सांसद क्या कर रहा है, इसकी उचित जांच और ऑडिट की आवश्यकता है और उसके आधार पर कुछ नियमों को बनाने की आवश्यकता है, सत्ताधारी दलों ने कभी ऐसे…

संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराने का प्रयास करने वाले युवक 12 साल नागपुर में मुदकमा झेलते रहे : विद्रोही

भारतीय राष्ट्र ध्वज हर भारतीय के दिल में बसता है और भारतीय नागरिक तिरंगे के सम्मान, रक्षा के लिए हर जगह बलिदान देता रहा है और आगे भी देता रहेगा।…

यदि चाहे हम हर घर जल, बचत-प्रबंधन इसके हल

हम यह भूल जाते हैं कि पानी के बिना वे सब बेकार हैं। हम अपनी जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते रहते हैं। कम से कम हममें से हर…

संसद में मर्यादा और माफी……..भाषाई मर्यादा, चाहे वह प्रथम नागरिक के लिए हो या अंतिम व्यक्ति के लिए, बनी रहनी चाहिए

अधीर रंजन चौधरी ने अपने गैर हिंदी भाषी होने के कारण हुई चूक बताई और माफी मांग ली गलती अधीर रंजन चौधरी की थी पर स्मृति ईरानी ने इस विवाद…

हर घर तिरंगा अभियान और देशभक्ति के मायने

नागरिकों के सुरक्षित और समृद्धशाली जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है; उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धी का होना। इसलिए क्या आपको हर घर तिरंगा फहराने के साथ-साथ हर घर…

हम भारतीय सोच कब बनायेंगे ?….. राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर कौन मांगेगा माफी ?

-कमलेश भारतीय अभी संसद में ‘राष्ट्रपत्नी’ कहे जाने पर हंगामा चल ही रहा है और स्मृति ईरानी इस विवाद को बढ़ाये रखने में लगी हैं कि माफी मांगे तो खुद…

हमसे भूल हो गयी , हमका माफी दई दो………अधीर रंजन की माफी और कोर्ट के समन

-कमलेश भारतीय संसद में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ‘ राष्ट्रपत्नी ‘ जैसी टिप्पणी को लेकर हंगामा शांत होने में नहीं आ रहा । भाजपा को एक अच्छा…

‘राष्ट्रपत्नी’ पर बवाल ……. शब्द ब्रह्म भी और शब्द से हंगामा भी

-कमलेश भारतीय कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी इतने अधीर हैं कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू को सदन में ‘राष्ट्रपत्नी’ कह कर संबोधित कर बैठे और बैठे ठाले बवाल खड़ा…

परास्त होते गरीब……डिजिटल शासन के नए युग में

डिजिटल डिवाइड आबादी के अमीर-गरीब, पुरुष-महिला, शहरी-ग्रामीण आदि क्षेत्रों में बनता है। इस अंतर को कम करने की जरूरत है, तभी ई-गवर्नेंस के लाभों का समान रूप से उपयोग किया…

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