Category: विचार

मणिपुर हिंसा ……….. भारत की मणि टूट रही

योगेन्द्र यादव परिवार के मुखिया की पहली जिम्मेदारी होती है अपने परिवार को जोड़े रखना। पड़ोसी से निपटने और मोहल्ले में डंका बजाने की बारी बाद में आती है। इसी…

बीजेपी की चाल के डर से सेक्लुयर राजनीति को समान नागरिक संहिता का मैदान नहीं छोड़ना चाहिए

समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव को फिर से लाने के पीछे बीजेपी का मकसद विपक्ष को अल्पसंख्यक समुदाय के रूढ़िपरस्त नेतृत्व के साथ दिखाना है और विपक्ष है कि इस…

मोहब्बत की दुकान का क्या होगा ?

–कमलेश भारतीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में प्रवेश करते ही मोहब्बत की दुकान की चर्चा यह कहकर शुरू की थी कि मैं नफरत…

साक्षरता और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं सार्वजनिक पुस्तकालय

ज्ञान और संस्कृति के प्रवेश द्वार के रूप में, पुस्तकालय समाज में मौलिक भूमिका निभाते हैं। वे जो संसा धन और सेवाएँ प्रदान करते हैं, वे सीखने के अवसर पैदा…

सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल

आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कानपुर में प्रचलित बिजली चोरी से निपटने के लिए नए बिजली स्मार्ट मीटर लगाए। प्राकृतिक, मानव और वित्तीय संसाधनों का विकास और जुटाना और विकासात्मक…

विचार, वचन और कर्म का सामंजस्य शांति और खुशी के स्त्रोत

आजकल, हम राजनेताओं में दोहरे मानदंड और भ्रष्ट सिविल सेवकों में सत्यनिष्ठा की कमी देखते हैं। इसलिए, प्रश्नगत उद्धरण उस समय के लिए प्रासंगिक हो जाता है, जब हम तीनों…

अनमोल है माँ की ममता ………

डॉ कामिनी वर्मा ए माँ तेरी सूरत से अलग भगवाकी सूरत क्या होगी……. ईश्वर हर किसी के पास नहीं पहुँच पाया होगा, शायद इसीलिए अपनी प्रतिकृति माँ के रूप में…

पत्रकारिता दिवस : अब मुश्किल है मिशन वाली पत्रकारिता

पहले मालिकों व संपादकों को पाठकों की जरूरत होती थी आज कुछ अखबारों को छोड़ दें तो ज्यादातर को ग्राहकों की जरूरत है अशोक कुमार कौशिक पश्चिम बंगाल की राजनीतिक…

कब गीता ने ये कहा, बोली कहाँ कुरान। करो धर्म के नाम पर, धरती लहूलुहान।।

राजनीति में धर्म आधारित लामबंदी साम्प्रदायिकता को दे रही चिंगारी, सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों को रोजमर्रा की जिंदगी में काउंटर करने की जरूरत। साम्प्रदायिकता हमारे देश में लोकतंत्र के लिए प्रमुख चुनौतियों…

7 मई, विश्व एथलेटिक्स दिवस विशेष ……… खेलों का डर्टी दंगल या फिर नियमों का उल्लंघन

समय-समय पर खेल जगत से ऐसे आरोप क्यों लगते रहते हैं। क्यों महिला खिलाड़ी यौन शोषण का शिकार होकर भी चुप रहती है कि कहीं उनका कैरियर खत्म न कर…

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