Category: विचार

बिहार में जंगलराज या लोकतंत्र ?

-कमलेश भारतीय क्या बिहार में दो चार दिन में ही जंगलराज लौटा है या लोकतंत्र ? भाजपा के प्रवक्ता डाॅ संबित पात्रा एक ऐसे डाॅक्टर ठहरे जो दो चार दिन…

मुफ्त के वादों की राजनीति कहां ले जायेगी ?

-कमलेश भारतीय राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से मुफ्त मुफ्त के वादों का बोलबाला है । यह मुफ्त मुफ्त के वादे देश को कहां ले जायेंगे ? क्या मुफ्तखोरी को…

बिहार की कारीगरी और नयी सरकार

-कमलेश भारतीय बिहार में फिर नयी सरकार और देखिये कारीगरी कि मुख्यमंत्री वही सुशासन बाबू हमारे आपके नीतिश कुमार । है न कारीगरी और जादूगरी ? सोच रहे हैं चाणक्य…

अमृत महोत्सव के जश्न में, कहाँ खड़े हैं आज हम ?

विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है.…

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर औच्छी राजनीति ! विद्रोही

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, सरकारी कुव्यवस्था, आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आमजनों का असली मुद्दो से ध्यान हटाकर उसे भावनात्मक मुद्दों के…

संसद से सड़क तक : सड़क पर पुलिस, घर में ईडी

-कमलेश भारतीय आजादी का अमृत महोत्सव अपने समापन पर है । हर घर तिरंगा लगाने का प्यार भरा आमंत्रण व आह्वान भी किया जा रहा है । तिरंगे का कौन…

महंगाई पर हुए प्रदर्शन को राम मंदिर शिलान्यास से जोड़ कर देखना, अपनी अक्षमता का प्रदर्शन, मुद्दो से मुंह चुराना

कांग्रेस से लड़ना आसान था. राहुल-कांग्रेस से जीतना मुश्किल. रासायनिक बदलाव का पहला चरण कल पूरा हुआ महंगाई और बेरोजगारी से लोग, पीड़ित हैं, मूर्खतापूर्ण ढंग से लगाई जाने वाली…

ताइवान पर तनाव, अमेरिका का चाव, भारत के भाव

अमेरिका और चीन के बीच तनाव के जो मुद्दे हैं वो बने हुए हैं, चाहें वो ताइवान हों, दक्षिण चीन सागर में बढ़ता चीन का प्रभाव हो या फिर दोनों…

बीजेपी की हर घर तिरंगा फहराने की मुहिम……… समय का फेर , शुभ लक्षण इस बदलाव के

संविधान और तिरंगे के बारे में 1949 में क्या सोचता था संघ नागपुर की अदालत में यह मुकदमा दर्ज होने के बाद 2002 में आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया…

संसद न चलने से आखिर किसको है नुकसान?

एक सांसद क्या कर रहा है, इसकी उचित जांच और ऑडिट की आवश्यकता है और उसके आधार पर कुछ नियमों को बनाने की आवश्यकता है, सत्ताधारी दलों ने कभी ऐसे…

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