Category: देश

वही पालकी देश की, जनता वही कहार। लोकतन्त्र के नाम पर, बदले सिर्फ सवार।।

ऐतिहासिक काव्य-संध्या में डॉ रामनिवास ‘मानव’ ने अपने अनेक हाइकु, द्विपदियां और दोहे सुनाकर समां बांध दिया। अन्तरराष्ट्रीय संस्था महिला काव्य-मंच द्वारा महात्मा गांधी और श्री लालबहादुर शास्त्री की स्मृति…

गुजवि की शोधछात्रा के शोध में कर्मियों के काम में अलगाव की भावना (वर्क एलीयनेशन)

-कमलेश भारतीय गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग की शोध छात्रा सुचेता बूरा का शोध है कि स्वदेशी और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लगभग 25 प्रतिशत कर्मचारियों में काम के दौरान…

रामबिलास पासवान विगत 53 सालों से विधायक व सांसद रहे : विद्रोही

9 अक्टूबर 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने केन्द्रीय मंत्री व जानेमाने दलित नेता श्री रामबिलास पासवान जी के…

केंद्रीय मंत्री व LJP के संस्‍थापक राम विलास पासवान का निधन

दिल्‍ली के अस्‍पताल में ली अंतिम सांस पटना, जेएनएन। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक व केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान नहीं रहे। गुरुवार कर शाम उन्‍होंने दिल्ली के अस्‍पताल…

दर्शक मिलें न मिलें , हाथ हिलाते रहिए ,,,,?

-कमलेश भारतीय बशीर बद्र का बहुत मशहूर शेर है कि दिल से दिल मिले न मिलेहाथ मिलाते रहिए । यूं ही याद आ गया जब अटल टनल का हिमाचल के…

हाथरस कांड मामला~हाथरस कांड के आरोपी की चिट्ठी:

आरोपी संदीप ने एसपी को लिखा- पीड़ित को उसकी मां और भाई ने ही पीटा था, इसलिए लड़की की मौत हो गई; हमारी दोस्ती थी, बात भी होती थी बंटी…

एआईओएस ने अंधेपन की रोकथाम पर सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाई

समय पर जांच के साथ आँखों की कई समस्याओं की रोकथाम संभव – एआईओएसविश्व दृष्टि दिवस/वर्ल्ड साइट डे 2020 – 8 अक्टूबर 2020 नई दिल्ली: कोविड काल में डिजिटल स्क्रीन…

हाथरस और पिपली के संदेश ,,,?

-कमलेश भारतीय पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस गये तो जो हुआ सबने देखा कि किस तरह लाठीचार्ज किया गया । एसआईटी की जांच का बहाना लगाया गया और…

लोक जीवन के चितेरे छायाकार ओमप्रकाश कादयान

ऐतिहासिक, धर्मिक इमारतों-कुओं, तालाबों, छतरियाँ व बावड़ियाँ, किले आदि तथा इमारतों पर अंकित, मिटती जा रही भित्ति चित्राकला का छायांकन नगर-नगर, गांव-गांव, गली-गली, घर-आंगन जाकर कर रहे हैं। इसके साथ-साथ…

”एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूंगा हो गया,

एक ऐसी लौ जो रात भर अँधेरे से लड़ती रही, हमें रास्ता दिखा कर प्रभात में निर्वाण को प्राप्त हो गई” अशोक कुमार कौशिक आज देश में बड़े जोरों से…

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