Category: देश

चिंतन शिविर के बाद बदलेगी कांग्रेस ?

–कमलेश भारतीय तीन दिवसीय चिंतन शिविर उदयपुर राजस्थान में संपन्न । क्या इस तीन दिवसीय चिंतन या नव संकल्प शिविर से कांग्रेस में , इसकी कार्यशैली में कोई बदलाव आयेगा…

करिश्मा और भोजवानी को मिला डॉ मनुमुक्त ‘मानव’ विशिष्ट युवा-सम्मान

भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। इंडियन लिटरेरी एंड आर्ट सोसायटी ऑस्ट्रेलिया द्वारा सिडनी में आयोजित एक भव्य समारोह में, मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट नारनौल (हरियाणा) के सौजन्य से, ‘डाॅ मनुमुक्त ‘मानव’…

सुरुचि परिवार ने किया काव्य गोष्ठी का आयोजन

विभिन्न विधाओं गीत, ग़ज़ल, दोहे, मुक्तक, पद, माहिया छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताओं में कवियों ने किया काव्य पाठ गुरुग्राम- सुरुचि साहित्य कला परिवार के तत्त्वावधान में रविवार 15 मई 2022…

डिजिटलाइजेशन से गिग अर्थव्यवस्था का बढ़ता प्रचलन

डॉ मीरा सिंह वर्तमान समय में डिजिटलाइजेशन के कारण रोजगार के अवसरों तथा काम के स्वरूप में भी काफी बदलाव आ गया है, जिसके फ़लस्वरूप एक नई वैश्विक अर्थव्यवस्था ‘गिग…

कांग्रेस का 1942 की अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन की तर्ज पर भारत जोडो आंदोलन, संघी तब और अब खिलाफत मेें : विद्रोही

16 मई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि आज से 80 साल पहले महात्मा गांधी ने कांग्रेस का नेतृत्व करते…

कांग्रेस चिंतन शिविर : एक परिवार , एक टिकट लेकिन ,,,,

–कमलेश भारतीय काग्रेस चिंतन शिविर शुरू और कुछ प्रस्ताव बाहर । यानी एक परिवार , एक टिकट , महिलाओं की एक तिहाई भागादारी , पेंशनभोगी मानसिकता वाले नेताओं से मुक्ति…

टूट रहे परिवार हैं, बदल रहे मनभाव ।
प्रेम जताते ग़ैर से, अपनों से अलगाव ।।

15 मई – परिवारों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस : भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की…

ताजमहल को प्रेम का प्रतीक ही रहने दो …………

प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो…………….. –कमलेश भारतीय पता नहीं प्रतिदिन कितने लोग आगरा स्थित ताजमहल को देखने आते हैं और पत्नियां वैसा ही महल बनवाने…

वैवाहिक बलात्कार किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बलात्कार जितना ही वीभत्स है: महिला स्वराज

महिला स्वराज प्रेस वक्तव्य – 13 मई, 2022 वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विभाजित फैसला, समाज और विशेष रूप से महिलाओं के समुदाय से एक स्पष्ट…

सूना-सूना लग रहा, बिन पेड़ों के गाँव । पंछी उड़े प्रदेश को, बांधे अपने पाँव ।।

–सत्यवान ‘सौरभ’ पक्षियों को पर्यावरण की स्थिति के सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक माना जाता है। क्योंकि वे आवास परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं और पक्षी पारिस्थितिकीविद् के पसंदीदा…

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