दक्षिणी हरियाणा से भाजपा को विधानसभा में मिले 10 के 10 नंबर

विधानसभा में पहुंची 11 महिलाओं में दो महिला अहीरवाल क्षेत्र से विधायक

खट्टर सरकार के पूर्व मंत्री राव नरबीर की दावेदारी से भी नहीं इनकार

भाजपा सरकार की हैट्रिक के खिलाड़ी राव इंद्रजीत पर लगी सभी नजरे

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम / पटौदी । सत्ता की राज लीला हो, भगवान श्री राम की रामलीला हो या फिर भगवान श्री कृष्ण की रासलीला। इन तीनों में ही मानव स्वभाव के स्वरूप और मनुरूप बहुत कुछ देखने सुनने और समझने के लिए मिलने चला आ रहा है। मौजूदा समय में दो ही लीला, एक राजलीला और दूसरी रामलीला के मंच पर किरदार निभाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ी जिज्ञासा 2024 में आरंभ होने वाली राजसत्ता को लेकर राजलीला पर बनी और टिकी हुई है।

हरियाणा में राजलीला की राज्य अभिषेक में किसका ताजपोसी होगी, यह तो लगभग तय है ! लेकिन इसका अभी तय समय निश्चित नहीं बताया जा रहा, फिर भी जिज्ञासा तो जिज्ञासा ही बनी रहेगी। जब तक राजलीला का राजतिलक संपन्न नहीं हो जाएगा। हरियाणा प्रदेश में भाजपा को सत्तासीन करने में और हैट्रिक बनवाने में इस बात से कतई भी इनकार नहीं दक्षिणी हरियाणा और इसी क्षेत्र के छत्रप राजनीतिज्ञ राव इंद्रजीत सिंह की का बेमिसाल योगदान बना हुआ है । इसका सिलसिला वर्ष 2014 से आरंभ हुआ 2019 में पहुंचा और अब 2024 में भाजपा के लिए चरम पर है । भाजपा में आने से पहले भी राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री या फिर सत्ता का केंद्र दक्षिणी हरियाणा सहित अहीरवाल से ही होने की दावेदारी की जाती आ रही है । इस मुद्दे को वह अक्सर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की सभाओं अथवा रैली के मंच के अलावा विभिन्न माध्यम से भी उठने चले आ रहे हैं । फिलहाल यह भविष्य की गर्भ में है कि हरियाणा में राजसत्ता का राजतिलक किसके माथे पर होगा ? रामलीला के मंचन को देखते हुए इस बात से भी इनकार नहीं, जब भगवान राम का राजतिलक होते-होते रह गया ? तथा इसके आगे की रामलीला सभी को पता है।

मौजूदा समय में सीधी सीधी बात यह है कि हरियाणा मंत्रिमंडल में 14 ही मंत्री बनाए जाने की सीमा निर्धारित है। अब सवाल यह है अहीरवाल क्षेत्र से ही दो महिलाएं भी विधायक जिसमें कि पटौदी से दूसरी बार विधायक और जिला गुरुग्राम से भी दूसरी बार विधायक विमला चौधरी और पहली बार विधायक बनी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव के नाम शामिल है। इसी कड़ी में एक मनोहर सरकार में राव नरबीर सिंह के मंत्री बने रहने का नाम भी शामिल है । राव नरबीर सिंह बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए । जिन हालात में राव नरवीर सिंह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और नेताओं से मिलकर कथित अपना दबाव बनाते हुए टिकट लेकर और चुनाव जीते। इस पूरे घटनाक्रम को अनदेखी नहीं किया जा सकता । इसी कड़ी में यह भी छिपा हुआ नहीं है कि राव इंद्रजीत सिंह और राव नरवीर सिंह के बीच में राजनीतिक 36 का आंकड़ा लंबे समय से चला आ रहा है। दूसरी तरफ राव नरवीर सिंह को हरियाणा मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर कार्य करने का भी अपना ही एक अनुभव उनके पास है।

मंत्रिमंडल गठन की चर्चाओं के बीच मंत्री पद तक पहुंचाने के लिए दावेदार पूरी तरह से सक्रिय हो चुके हैं । जिज्ञासा सबसे बड़ी इस बात को लेकर है भाजपा के लिए हरियाणा में सरकार की हैट्रिक बनवाने वाले क्षेत्र अहीरवाल कहीं या दक्षिणी हरियाणा को कितना प्रतिनिधित्व दिया जाएगा ?  भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व चुनाव के रणनीतिकार और हरियाणा प्रदेश के भाजपा नेतृत्व सहित यहां के नेताओं के लिए भी यह एक चिंतन और मंथन का ही विषय बनता दिखाई दे रहा है । राव इंद्रजीत सिंह निश्चित रूप से यह चाहेंगे मुख्यमंत्री दक्षिणी हरियाणा या फिर अहीरवाल से बने । इसी कड़ी में वह अपनी पहली बार विधायक बनी पुत्री आरती राव का स्थान भी मंत्रिमंडल में निश्चित करने में कोई कसर नहीं रहने देंगे । 

कथित रूप से अब भविष्य की राजनीति आरती राव और उनके हरियाणा मंत्रिमंडल में शामिल होने पर ही निर्भर रहेगी। राजनीति के पंडित और जानकारो के मुताबिक राजनीति में लंबी पारी खेलने के लिए पहली बार ही विधायक का चुनाव जीतने पर मंत्री बनना कहीं ना कहीं भविष्य की लंबी राजनीति को सुरक्षित कहा जा सकता है । अब एक और महिला विधायक पटौदी से विमला चौधरी, जो कि जिला गुरुग्राम से दूसरी बार विधायक बनी और वह भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेहद विश्वसनीय कार्यकर्ताओं में शामिल है । सवाल यह भी लोगों में बना हुआ है क्या भाजपा नेतृत्व जिला गुरुग्राम से हरियाणा के इतिहास में पहली महिला मंत्री बनाने का राजनीतिक इतिहास लिखेगा या फिर लोगों के द्वारा कयास ही लगाए जाते रहेंगे।

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